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    मनरेगा के नाम पर हो रहा खेल, मुखिया के 3 नाबालिग बच्चों का बना जॉब कार्ड; राशि का भी हुआ भुगतान

    गुमला जिले में मनरेगा योजना के तहत सेहल पंचायत की मुखिया ने अपने नाबालिग बच्चों और अन्य छात्रों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी का भुगतान किया। इस मामले में मुखिया सोमारी देवी और अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। जिला कांग्रेस कमेटी ने उपायुक्त से जांच और कार्रवाई की मांग की है साथ ही अवैध रूप से निकाली गई राशि की वसूली की मांग की है।

    By Santosh Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 25 Apr 2025 04:20 PM (IST)
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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, गुमला। जिले में मनरेगा के क्रियान्वयन में जमकर लूट मचाई जा रही है। मनरेगा कानून की धज्जियां उड़ रही है। घाघरा प्रखंड के सेहल पंचायत के तुंजो सेमरटोली गांव में मनरेगा के क्रियान्वयन में नाबालिग छात्र-छात्राओं का जॉब कार्ड बनाकर अवैध तरीके से भुगतान भी कर दिया गया है।

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    इस प्रकरण में पंचायत की मुखिया सोमारी देवी की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। सोमारी देवी ने अपने दो नाबालिग पुत्र और एक पुत्री को भी मजदूर बना दिया है और उन्हें बतौर मजदूर मजदूरी का भुगतान भी अवैध तरीके से कर दिया है।

    इसके अलावा भी अन्य नाबालिग छात्रों का जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी का अवैध तरीके से भुगतान कराया गया है।मामला अप्रैल 2023 का है। मुखिया की पुत्री 15 वर्षीय मोनिका कुमारी का जॉब कार्ड संख्या 08-202 है, जिसे 22950 रुपये का भुगतान किया गया है।

    इसी तरह मुखिया के पुत्र 16 वर्षीय पवन उरांव का जॉब कार्ड संख्या 08-201 है तथा 22950 रुपये का अवैध भुगतान किया गया है। मुखिया के पुत्र 17 वर्षीय मनीष उरांव का जॉब कार्ड संख्या 08-200 है, जिसे 22950 रुपये का अवैध भुगतान किया गया है।

    इसके अलावा गांव की 17 वर्षीय प्रियंका कुमारी, जिसका जॉब कार्ड संख्या 08-211 है, उसे 4590 रुपये, 14 वर्षीय अनीषा कुमारी का जॉब कार्ड 08-212 है, 4590 रुपये का भुगतान किया गया है।

    14 वर्षीय काजल कुमारी का जॉब कार्ड संख्या 08-210 है। इसे 6120 रुपये का भुगतान किया गया है। विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं गलत तरीके से न केवल जॉब कार्ड बनाया गया है बल्कि अवैध तरीके से राशि का हस्तांतरण कर दिया गया है।

    पूरे मामले में बीपीओ, पंचायत सचिव, मुखिया, मेट, रोजगार सेवक की भूमिका संदिग्ध है। इधर इस मामले को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी आरटीआई प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय गोप ने उपायुक्त को अवगत कराते हुए कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

    अवैध रुप से निकासी की गई राशि की वसूली के साथ-साथ भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी अधिकारी और कर्मियों की सेवा समाप्त करने की मांग की है।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    नाबालिग से मजदूर के रुप में काम लेना कानून अपराध है। ऐसा मामला है तो इसकी जांच की जाएगी। संबंधित पर विधिसम्मत कार्रवाई होगी।- इरफान आरिफ, सहायक परियोजना पदाधिकारी गुमला

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