Jharkhand News: झामुमो से नजदीकियां बढ़ा रहे लोबिन हेंब्रम, क्या BJP को मिलेगा झटका? नए बयान से सियासी हलचल तेज
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर से गठबंधन की तस्वीर बदलती दिख रही है। पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का दामन थामा था अब फिर से झामुमो के करीब आते दिख रहे हैं। हाल ही में उन्होंने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को उनके जन्मदिन पर बधाई दी और उनसे आशीर्वाद लिया। इस घटनाक्रम से झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

जागरण संवाददाता, गोड्डा। राजनीति में न कोई स्थाई दोस्त होता है और न ही दुश्मन। गत विधानसभा चुनाव में पाला बदल कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम की नजदीकियां फिर से झामुमो की ओर बढ़ने लगी है।
बीते शनिवार को रांची में झामुमो सुप्रीमो सह राज्य सभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन को उनके 81 वें जन्मदिन पर उनके आवास जाकर बधाई दी। साथ ही गुरुजी से आशीर्वाद भी लिया।
बता दें कि लोबिन हेंब्रम विस चुनाव के पूर्व झामुमो के ही विधायक थे। लेकिन सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोलने में पीछे नहीं रहते थे। लोबिन पार्टी में पंकज मिश्रा के दखल को बर्दाश्त नहीं करते थे।
वहीं पंकज मिश्रा सीएम हेमंत सोरेन के प्रिय पात्रों में शामिल रहे। यही कारण है कि लोबिन लगातार सरकार का विरोध करते रहे। लोबिन किसी भी कीमत पर हेमंत को नेता मानने को तैयार नहीं थे।
लोस चुनाव के दौरान निर्दलीय मैदान में उतर गए लोबिन हेंब्रम
- वर्ष 2019 में झामुमो से चुनाव जीतने के बाद से अपनी ही सरकार को घेरने में लोबिन हेंब्रम ने कोई कसर नहीं छोड़ी। लोस चुनाव के दौरान निर्दलीय मैदान में उतर गए।
- वहीं विस चुनाव के समय तो पाला बदल कर भाजपा में शामिल हुए। बोरियो से भाजपा ने उन्हें टिकट भी थमा दिया, लेकिन चुनाव में लोबिन बुरी तरह पराजित हुए।
- झामुमो ने वहां एक मामूली कार्यकर्ता पर दांव खेला।चुनाव से पहले पंकज मिश्रा भी ईडी की गिरफ्त से बाहर निकल गए।
लोबिन बोले- शिबू सोरेन से कभी मनभेद नहीं हो सकता
राजनीति के धुरंधर पंकज मिश्रा ने झामुमो के चुनावी कमान को अपने हाथ में लिया और धनंजय सोरेन को उतार कर बाजी मार ली। चुनाव परिणाम से तीन बार के विधायक लोबिन हेंब्रम को झामुमो की राजनीतिक ताकत का एहसास भी हो गया।
हालांकि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को उनके जन्मदिन पर बधाई देने को राजनीतिक शिष्टता बताते हुए लोबिन हेंब्रम ने साफ किया है कि शिबू सोरेन उनके राजनीतिक गुरु रहे हैं। उनसे कभी मनभेद नहीं हो सकता है।
लोबिन ने कहा कि उन्हीं के बताए गए रास्ते पर चलकर आज वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। राजनीतिक अपनी अलग जगह है, लेकिन व्यक्तिगत संबंध और अपने गुरु को तो उम्र भर नहीं भूल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि अपने गुरु की लंबी उम्र का कामना करता हूं।
लोबिन ने कहा कि वे भाजपा की सदस्यता लेने पर रघुवर दास से भी मिले। भाजपा को मजबूत करने पर भी बात हुई।
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