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    Jharkhand News: उद्घाटन के पहले ही टूटा करोड़ों का पुल, अब मरम्मत में ठेकेदार कर रहा देरी

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 08:24 PM (IST)

    बसंतराय के जमनीकोला में बना पुल उद्घाटन के पहले ही धराशायी हो गया। यह पुल 2022 में बनकर तैयार हो गया था लेकिन इस पुल का अभी उद्घाटन नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों ने ठेकेदार पर आरोप लगाया है कि पुल के टूटे दो स्पेन की मरम्मत में भी खानापूर्ति की जा रही है। वहीं सहायक अभियंता ने बताया कि तकनीकी कारणों काम अभी बंद है।

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    उद्घाटन के पहले ही करोड़ों का पुल हुआ धराशायी। (फोटो जागरण)

    ललन झा, जागरण संवाददाता, बसंतराय (गोड्डा)। सूबे में विकास के नाम पर सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है। इसका उदाहरण बंसतराय के जमनीकोला में बना पांच करोड़ रुपये की लागत वाला पुल है।

    यह पुल 2022 में बनकर तैयार हो गया, लेकिन उद्घाटन नहीं हो पाया। करोड़ों का पुल उद्घाटन के पूर्व ही धराशायी हो गया। इसमें आश्चर्य की बात यह है कि अब पुल के दो स्पेन की मरम्मत में भी खानापूर्ति की जा रही है।

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    बता दें कि वर्ष 2019-20 में सुंदर नदी पर विशेष प्रमंडल की ओर से उक्त पुल की स्वीकृति मिली थी। निर्माण कार्य 2022 में पूरा हो गया। पुल नहीं रहने से वहां हजारों की आबादी को नदी पार करने में परेशानी हो रही थी।

    नवनिर्मित पुल का दो स्पेन हुआ धराशायी

    इस बीच वर्ष 2022 में पुल बनने के बाद इसके उद्घाटन के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास किए गए, लेकिन तकनीकी अड़चनों के कारण उद्घाटन नहीं हो सका। इधर जुलाई 2024 में उक्त नवनिर्मित पुल का दो स्पेन धराशायी हो गया।

    अब विभाग उसकी मरम्मत में जुटा है। लेकिन यहां पुल मरम्मत के नाम पर भी खानापूर्ति की जा रही है। बीते कई माह से मरम्मत कार्य बंद हैं। इससे लोगों में भारी आक्रोश है।

    गोड्डा के बसंतराय प्रखंड की जमानीकोला पंचायत में ध्वस्त पुर के मरम्मत में हो रही खानापूर्ति।

    जानकारी के अनुसार, बसंतराय प्रखंड की जमनीकोला पंचायत को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने के लिए विशेष प्रमंडल की ओर से सुंदर नदी पर पांच करोड़ रुपये की लागत से उच्च स्तरीय पुल बनाया गया है, लेकिन कार्य की गुणवत्ता इतनी घटिया थी, कि उद्घाटन के पूर्व ही पुल के दो स्पेन ताश के पत्ते की तरह बिखर गए।

    ठेकेदार पर नहीं हुई कार्रवाई

    योजना के ठेकेदार के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई। पैसे व रसूख के बल पर उसने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए ध्वस्त पुल के स्पेन को तोड़कर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि मरम्मत कार्य के बाद भी कई स्पेन में दरारें आ गई है। हजारों की आबादी वाली जमनीकोला पंचायत के लिए उक्त पुल काफी अहम है, लेकिन विभाग इसकी अहमियत नहीं समझ रहा है। पुल टूट जाने से पथरगामा प्रखंड के लोगो को भी आने-जाने में असुविधा हो रही है।

    ग्रामीण मो. फिरोज, चक्रधर मिश्रा, मो. इकबाल, भरत पंडित आदि ने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त हुए कई माह हो गए, लेकिन मरम्मत के नाम अब तक यहां सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माणाधीन पुल में कार्य की गुणवत्ता काफी घटिया है। इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों से की गई है।

    लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद विभाग की ओर से ठेकेदार पर नकेल नहीं कसा जा रहा है। वर्तमान में मरम्मत कार्य बंद पड़ा है। अब लोगों का कहना है कि जिस जिले में दो-दो मंत्री रहे, उसके बावजूद विकास का यह हाल हो तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है।

    बसंतराय की जमनीकोला पंचायत स्थित गेरुआ नदी में बने पुल के दो स्पेन धंसने के बाद संबंधित ठेकेदार को फिर से उसे दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी गई है। विभागीय अभियंताओं की ओर से इसकी नियमित जांच पड़ताल की जा रही है। कुछ तकनीकी कारणों से अभी काम बंद है। शीघ्र ही पुल को दुरुस्त कराया जाएगा। - राजीव कुमार, सहायक अभियंता, विशेष प्रमंडल, गोड्डा

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