Jharkhand Cabinet: संताल परगना से पहली बार ये महिला मंत्री कैबिनेट में हुईं शामिल, ऐसा रहा इनका राजनीतिक सफर
सोमवार को हेमंत सरकार की कैबिनेट का विस्तार हुआ और इस कैबिनेट में कुल 12 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें से एक महागामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह का भी नाम शामिल है और ये संताल परगना से पहली महिला मंत्री बन गई हैं। साल 2019 में इन्होंने महागामा विस सीट से भाजपा के कद्दावर नेता अशोक भगत को हराकर जीत दर्ज की थी।
जागरण संवाददाता, गोड्डा। Jharkhand Cabinet महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह (Dipika Pandey Singh) संताल परगना की पहली महिला मंत्री बन गई हैं। सोमवार को हेमंत सरकार की कैबिनेट के विस्तार में उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
2019 में महागामा विस सीट से भाजपा के कद्दावर नेता अशोक भगत को 12 हजार से अधिक वोटों से हरा कर पहली बार दीपिका पांडेय सिंह विधायक बनी।
वहीं 2024 के लोस चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें गोड्डा सीट से टिकट दिया लेकिन बाद विरोध होने पर कांग्रेस ने यहां उम्मीदवार बदल दिया था। पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव काे गोड्डा सीट से लड़ाया गया।
2024 के लोस चुनाव में महागाम विस से कांग्रेस प्रत्याशी को लीड दिलाने पर दीपिका पांडेय सिंह को मंत्री का तोहफा दिया गया है। दीपिका पांडेय सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह एकीकृत बिहार में मंत्री रह चुके हैं।
विरासत में मिली राजनीति
दीपिका पांडे सिंह का जन्म झारखंड के रांची में एक राजनीतिक परिवार में हुआ था। उनकी मां प्रतिभा पांडे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महिला शाखा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं। दीपिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रांची से की।
उन्होंने 1994-97 में सेंट जेवियर्स कॉलेज से जीव विज्ञान में बीएससी की डिग्री प्राप्त की। 1998-2000 में रांची के जेवियर इंस्टीट्यूट आफ सोशल सर्विस से सूचना प्रौद्योगिकी में एमबीए की पढ़ाई की। बाद में 2008-2011 तक कोपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर से एलएलबी की पढ़ाई की।
उनका विवाह रत्नेश कुमार सिंह से हुआ है, जो बिहार सरकार के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और महागामा से चार बार के विधायक अवध बिहारी सिंह के पुत्र हैं।
कुछ ऐसा रहा सफर
दीपिका पांडे सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की युवा शाखा, युवा कांग्रेस से झारखंड युवा कांग्रेस की महासचिव के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। बाद में उन्हें युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव के रूप में राष्ट्रीय समिति में पदोन्नत किया गया।
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें झारखंड के गोड्डा में कांग्रेस के गढ़ में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की जिम्मेवारी सौंपते हुए गोड्डा जिला कांग्रेस कमेटी का जिला अध्यक्ष बनाया गया। क्षेत्र में जन मुद्दों को लेकर दीपिका पांडेय सिंह का आक्रामक तेवर रहा है। 2018 में वह महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव बनीं।
पर्यवक्षक की निभाई भूमिका
हाल के वर्षों में वे कई राज्यों के चुनाव में पर्यवेक्षक की भूमिका भी बखूबी निभाई। वर्ष 2916 में जब ईसीएल की ललमटिया काेयला परियोजा में खान हादसा हुआ था तब वहां 23 मजदूरों की मौत हो गई। उक्त हादसे में दीपिका पांडेय सिंह ने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन किया था।
इसमें उन्हें भारी समर्थन मिला और सरकार को अंततः पीड़ितों को मुआवजा देना पड़ा। 2017 में उन्होंने शराबबंदी का मुद्दा उठाया और बताया कि शराब किस तरह से महिलाओं पर सीधा असर डालती है। उन्होंने शराबबंदी के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया और क्षेत्र में महिला राजनीति के केंद्र में खुद को स्थापित किया।
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