'मेरे घर पर हुई थी नीतीश और पासवान की बैठक...', ललन सिंह के सामने BJP सांसद ने याद दिलाईं बीती बातें
भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए जदयू पर अपने अहसान गिनाए। साथ ही आईएनडीआईए गठबंधन शामिल कांग्रेस समेत अन्य दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जदयू को खड़ा करने और उसे चंदा दिलाने में उनकी भूमिका सबसे अहम रही है। अगर किसी को भरोसा न हो तो वह नीतीश कुमार के पास जाकर पूछ ले।

जागरण डिजिटल डेस्क, गोड्डा/दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बहस जारी है। इस दौरान, झारखंड के गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे आईएनडीआईए गठबंधन पर निशाना साधा और इस गठबंधन में शामिल लोगों पर चुन-चुनकर वार किया। निशिकांत ने लोकसभा में बोलते हुए जदयू पर अपने अहसान गिनाए और राजद को आइना दिखाया।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे अपने भाषण में कहा कि जदयू को खड़ा करने और उसे चंदा दिलाने में उनकी भूमिका सबसे अहम रही है। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को उनकी बात पर भरोसा न हो तो वह जदयू के मुखिया नीतीश कुमार से जाकर पूछ लीजिए।
निशिकांत दुबे ने लोकसभा में बोलते हुए साल 2005 के वाकया का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस वक्त रामविलास पासवान दो दर्जन से ज्यादा विधायकों संग जीतकर विधानसभा पहुंचे और उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने से साफ इनकार कर दिया था।
रामविलास पासवान ने कहा था कि वे एक ही शर्त पर समर्थन देंगे कि अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाए। तब नीतीश और पासवान के बीच सुलह कराने के लिए उन्होंने दो मीटिंग करवाई थीं।
आज तेजस्वी को बना दिया डिप्टी सीएम
भाजपा नेता निशिकांत ने कहा कि दो में से एक मीटिंग तो एक पत्रकार के घर पर हुई थी, जिनका वह नाम नहीं लेंगे। दूसरी मीटिंग उनके ही घर पर हुई थी। उन्होंने कहा, जदयू नेताओं को याद होगा कि एक वक्त था, जब जदयू कांग्रेस और राजद के खिलाफ खड़ी था और आज वह भाजपा के खिलाफ लड़ रहा है और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम बना दिया है।
निशिकांत दुबे ने लालू प्रसाद यादव पर हमलावर होते हुए कहा कि साल 1995 में कांग्रेस की सरकार ने राजद सुप्रीमो को जेल में डलवा दिया था तो फिर भाजपा का विरोध क्यों कर रहे हैं, आपको तो कांग्रेस का विरोध करना चाहिए।
भाजपा नेता ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि ललन सिंह ही याचिकाकर्ता थे। ललन सिंह सदन में बैठे हैं। जरा बताइए- हमने तो उन्हें जेल नहीं भेजा। मैं जानना चाहता हूं कि यह कैसी विपक्षी एकता है।
इस दौरान, उन्होंने साल 1974 में आई 'प्रेम नगर' फिल्म के गीत- 'ये कैसा सुर-मंदिर है, जिसमें संगीत नहीं, गीत लिखे दीवारों पे गाने की रीत नहीं...' का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यहां सब एक दूसरे से लड़ रहे हैं, लेकिन नाम क्या रखा I.N.D.I.A।
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