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    आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 05 Jan 2022 04:31 PM (IST)

    संवाद सहयोगी मेहरमा(गोड्डा) आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती बन गई ...और पढ़ें

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    आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती

    संवाद सहयोगी, मेहरमा(गोड्डा) : आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। मेहरामा थाना से महज कुछ ही दूरी पर दो दिन पहले आशा देवी की चाकू घोपकर हत्या कर दी गई थी। इससे एक और जहां स्वजनों में रोष व्याप्त है। वहीं ग्रामीण भयभीत हैं। क्षेत्र के लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस थाना के नजदीक जब ऐसा हो सकता है तो सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की क्या स्थिति होगी। मंगलवार की देर शाम दुमका से डाग स्क्वायड को भी बुलाया गया। वह घटनास्थल के नजदीक ही घूम कर रह गया। उसके साथ आए अधिकारियों ने बताया कि इससे कुछ स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाया। हालांकि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिव शंकर तिवारी ने जल्द ही मामले का उद्भेदन करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस हर पहलू पर गंभीरता से जांच पड़ताल कर रही है।

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    बीते एक माह से आशा देवी बनौधा स्थित अपने मायके में रह रही थी। 20 वर्ष पूर्व उसकी शादी कसबा गांव के मनोज पासवान से हुई थी। उसे तीन बेटी व एक बेटा है। बेटा की शादी हो चुकी है। करीब एक वर्ष पूर्व मानगढ़ गांव के मोहम्मद इसराफिल के साथ अवैध प्रेम प्रसंग में वह घर से फरार हो गई थी। मनोज ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को बरामद कर लिया था। समझा-बुझाकर दोनों को अपने अपने घर भेज दिया था। 10 दिन बाद पुन: आशा अपने कथित प्रेमी मोहम्मद इसराफिल के साथ फरार हो गई। बीते कुछ दिनों से दोनों कहलगांव (भागलपुर) में भाड़े के मकान में रह रहे थे। करीब एक माह पूर्व आशा को उसकी मां ने उसे कहलगांव से बनौधा गांव लाया था। तब से आशा अपनी मां के साथ मायके में ही रह रही थी। मृतका के पिता बास्की पासवान ने उसके कथित प्रेमी मोहम्मद इसराफिल के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस अवर निरीक्षक जितेंद्र कुमार वर्मा व प्रवीण मोदी ने आरोपित के मानगढ़ स्थित घर पर धावा बोला था। जितेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि करीब पांच-छह माह से इसराफिल के गुजरात में मजदूरी करने की जानकारी मिल रही है। ऐसे में मामले का उद्भेदन करना पुलिस के लिए और भी पेचीदा हो गया है।