सड़क हुई बदहाल, चलना हुआ मुश्किल
राजधनवार खोरीमहुआ-कोडरमा मुख्यमार्ग के डोरंडा स्थित गांवा मोड़ से होकर धनवार मुख्यालय
राजधनवार : खोरीमहुआ-कोडरमा मुख्यमार्ग के डोरंडा स्थित गांवा मोड़ से होकर धनवार मुख्यालय भाया दासेडीह, कारिटांड़, भलूटांड़, गोदोडीह, मोदीडीह, कारूडीह सहित दर्जनों गांव को जोड़नेवाली लगभग 10 किलोमीटर की सड़क जर्जर होकर परेशानी का सबब बन गई है। सड़क की बदहाली को देखते हुए ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया। हर रोज सैकड़ों ग्रामीण सड़क की बदहाली का दंश झेल रहे हैं। कई बार विधायक, सांसद तथा पदाधिकारियों को आवेदन देकर ग्रामीण फरियाद भी कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस पहल आज तक किसी ने भी नहीं किया है।
लोगों का कहना है कि इस विधानसभा क्षेत्र ने झारखंड को प्रथम मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री दिए पर आज भी धनवार में सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल की भारी समस्या है, जिसका आज तक निदान नहीं हो सका है। समाज सेवी उपेंद्र सिंह, रामदेव सिंह, सनोज कुमार, दशरथ सिंह, अनिल यादव, बासुदेव पासवान, जयपाल यादव, मुन्ना पासवान सहित दर्जनों ग्रामीणों ने सड़क की दुर्दशा को दिखाते हुए बताया कि झारखंड राज्य की स्थापना होने के बाद बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनी सरकार में तत्कालीन पंचायती राज्य मंत्री मधु कोड़ा ने 2002 में लगभग 20 लाख की लागत से सड़क निर्माण कराया था। उसके बाद कभी किसी पार्टी के सांसद या विधायक ने सड़क की मरम्मत नहीं कराई, जिस कारण डोरंडा से धनवार की लगभग 10 किलोमीटर लंबी सड़क में 06 किमी तक इसकी स्थिति खराब हो गई है। खासकर बरसात के दिनों में डोरंडा से सटे कई गांव के लोग 10 किलोमीटर के बजाए 16 किलोमीटर घूम कर धनवार जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि उक्त सड़क की दुर्दशा राजनीतिक पार्टी के लोगों से छिपी है, लेकिन राजनीतिक मुद्दा बनाकर लोगों को बार-बार ठगने का काम किया जा रहा है। बीते विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में भी धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी तथा कोडरमा सांसद के समक्ष सड़क की समस्या रखी गई थी, परंतु चुनाव के बाद सारे वादे खोखले सबित हो रहे हैं तथा समस्याएं जस की तस बरकरार हैं। अगर ऐसा ही रहा तो इस क्षेत्र की जनता चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगी। वहीं ग्रामीणों की समस्या को लेकर कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी तथा स्थानीय विधायक बाबूलाल मरांडी से बात करना चाहा पर बात नहीं हो सकी।