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    पारसनाथ पर घमासान: आदिवासियों ने निकाली पीएम, सीएम व विधायक की शव यात्रा, नेताओं का पुतला भी फूंका

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Tue, 10 Jan 2023 03:54 PM (IST)

    पारसनाथ को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की दिशा में केंद्र व राज्य सरकार की हालिया पहल की आदिवासी मूलवासी विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार की तरफ से जारी निर्देश में सिर्फ जैनियों के तीर्थस्‍थल का जिक्र है मरांग बुरु का कोई उल्‍लेख ही नहीं है।

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    मधुबन-पारसनाथ में मंगलवार दोपहर निकली आदिवासी-मूलवासी की जनाक्रोश रैली सह शव यात्रा

    जागरण संवाददाता, गिरिडीह। मधुबन-पारसनाथ को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की दिशा में हाल में केंद्र व राज्य सरकार की ओर से की गई पहल के खिलाफ मंगलवार को मधुबन से पारसनाथ पर्वत तक आदिवासी-मूलवासियों ने जबरदस्‍त प्रदर्शन किया। मरांग बुरु सांवता सुसार बैसी व आदिवासी- मूलवासी संघर्ष मोर्चा की अगुवाई में मरांग बुरु बचाओ जन आक्रोश रैली निकाली गई। सैकड़ों की संख्या में आदिवासी-मूलवासी प्रदर्शनकारी अपने साथ पीएम नरेंद्र मोदी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन व गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य साेनू का पुतला भी लिए हुए थे। यह रैली सह शव यात्रा पर्वत के ऊपर दिशोम मांझी थान तक पहुंची।

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    नेताओं के पुतलों के साथ निकाली गई जनाक्रोश रैली

    यहीं तीनों पुतलों का दहन किया गया। इसके पूर्व दिशोम मांझी थान में लोग माथा टेके। मुधबन में दोपहर साढ़े बारह बजे तक लगभग एक हजार से अधिक लोगों का कार्यक्रम स्थल बिरन गड्डा मैदान में जुटान हो चुका था। समय बीतने के साथ ही लोगों की भीड़ बढ़ती गई। घंटे भर में जनाक्रोश रैली पुतलों के साथ निकली। रैली वहां से निकलकर एक किलोमीटर दूर पर्वत पर दिशोम गुरु मांझी थान स्थल तक पहुंची।

    शवयात्रा में पीएम, सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी

    केंद्र, राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही। शव यात्रा में पीएम, सीएम व विधायक के खिलाफ नारे लगते रहे। शव यात्रा में दिशोम गुरु शिबू सोरेन व भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ भी नारे लगाए गए। साथ ही मरांग बुरु का अतिक्रमण बंद करो, आदिवासी मूल वासी एक हो समेत कई तरह के नारे लगाए गए।

    कार्यक्रम में लोबिन हेम्‍ब्रम ने भी दर्ज कराई उपस्थिति

    पहले सभी लोग मांझी थान पहुंचे और वहां पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद रैली पर्वत से नीचे वापस कार्यक्रम स्थल पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई। तीन बजे दोपहर तक सालखन मुर्मू व जयराम महतो, सूरज सिंह बेसरा नहीं पहुंचे थे। जबकि विधायक लोबिन हेम्‍ब्रम व गीताश्री उरांव सभा स्थल पहुंच चुकी थे।

    सुरक्षा की थी पुख्ता व्यवस्था

    रैली के दौरान पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कर रखी है। एएसपी हारिश बिन जमां व एसडीएम प्रेमलता मुर्मू के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकन्ने थे। मधुबन बाजार समेत आने-जाने वाले मार्ग, पारसनाथ पहाड़ पर भारी संख्या में सशस्त्र व लाठी बल की तैनाती की गई है। रैली को लेकर मधुबन बाजार पूरी तरह बंद है। सुबह से ही एक भी दुकान नहीं खुली। कड़ी सुरक्षा के बाद भी दुकानदार दुकान नहीं खोले।

    पारसनाथ को सिर्फ जैन तीर्थक्षेत्र घोषित करने के खिलाफ प्रदर्शन

    गौरतलब है कि सकल जैन समाज ने मधुबन-पारसनाथ को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर गिरिडीह समेत देश भर में प्रदर्शन किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने पारसनाथ की पवित्रता अक्षुण्ण रखने, मांस-मदिरा पर रोक का कड़ाई से अनुपालन कराने समेत कई निर्देश राज्य सरकार को जारी किए थे। आदिवासी मूलवासी नेताओं का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश में जैनियों के तीर्थ स्थल का केवल जिक्र है। मरांग बुरु का उल्लेख तक नहीं है। जब तक जारी निर्देश निरस्त नहीं होगा और उसमें मरांग बुरु का उल्लेख नहीं किया जाएगा, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

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