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Jharkhand में नया विवाद! अनशन पर बैठेंगे लोबिन हेम्‍ब्रम, पारसनाथ को मरांगबुरु स्थल बनाने की मांग पर अड़े

बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेम्‍ब्रम ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जैन धर्मावलंबियों के तीर्थ स्थल पारसनाथ पहाड़ को मरांगबुरु स्थल के रुप में घोषित करने की मांग की है और ऐसा नहीं करने की स्थिति में अनशन पर बैठने की बात कही है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Tue, 10 Jan 2023 01:19 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jan 2023 01:19 PM (IST)
Jharkhand में नया विवाद! अनशन पर बैठेंगे लोबिन हेम्‍ब्रम, पारसनाथ को मरांगबुरु स्थल बनाने की मांग पर अड़े
लोबिन हेम्‍ब्रम ने पारसनाथ की पहाड़ियों पर किया आदिवासियों का दावा

जागरण संवाददाता, पाकुड़। बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने झारखंड सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि सरकार जैन धर्मावलंबियों के तीर्थ स्थल पारसनाथ पहाड़ को मरांगबुरु स्थल के रुप में घोषित करें। सरकार अगर 25 जनवरी तक इसे मरांगबुरु स्थल घोषित नहीं करती है, तो वह 30 जनवरी को उलिहातू व दो फरवरी को सिदो-कान्हू के जन्म स्थली भोगनाडीह में अनशन पर बैठेंगे।

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आदिवासियों की जमीन पर नहीं जमा सकेगा कोई कब्‍जा

उन्होंने कहा कि पारसनाथ पहाड़ आदिवासियों का है। आदिवासियों की जमीन को कोई हड़प नहीं सकता है। हम जैन धर्मावलंबियों का सम्मान करते हैं, लेकिन आदिवासियों की जमीन पर कब्जा जमाने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज भी आदिवासी समाज लोगों को पालकी में बैठाकर पारसनाथ पहाड़ पर चढ़ा रहे हैं और उन्हीं आदिवासियों को लकड़ी काटने से रोका जा रहा है। ऐसा नहीं चलेगा।

जनता से किए सरकार के वादे खोखले: लोबिन हेम्‍ब्रम

उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जल, जंगल जमीन को लेकर आंदोलन करती रही है, लेकिन क्या आज भी जंगल सुरक्षित है? हम सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आइना दिखाने का काम कर रहे हैं। हम सरकार की बातों को ही दुहरा रहे हैं।

विधायक लाेबिन ने कहा कि चुनाव के समय झामुमो के घोषणा पत्र में एसपीटी, सीएनटी व पेशा कानून को सख्ती से लागू करने, सरकार बनने के बाद छह महीने के अंदर पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। 1932 का खतियान भी टांय-टायं फिस्स हो गया। इस मामले में सरकार ने घुटना टेक लिया है और मुख्यमंत्री खतियानी जाेहार यात्रा निकाल रहे हैं।

आदिवासियों को उनका हक दिलाकर लेंगे दम: हेम्‍ब्रम

उन्होंने कहा कि जिनके हाथ में खतियानी है वह झारखंड का रहने वाला है। बाहर के लोग आकर 15-20 एकड़ जमीन खरीद रहे हैं। ये झारखंड के मूलवासी नहीं हो सकते हैं। झारखंड में सफेद कागज में जमीनें बिक रही हैं। इसे देखने वाला कोई नहीं है। आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाकर ही दम लेंगे। इसके लिए हम आदिवासियों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।

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