रांची में आठ नवंबर को सरना धर्मकोड के लिए प्रदर्शन, मुर्मू का आरोप- ईसाई आदिवासियों को खुश करने में लगी हेमंत सरकार
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में आठ नवंबर 2023 को रांची मोरहाबादी मैदान में सरना धर्म कोड जनसभा आयोजित की जाएगी। इसकी जानकारी अभियान के प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने दी है। इसमें भारत सहित नेपाल भूटान और बांग्लादेश के आदिवासी भी शामिल होंगे। इसका आयोजन शहर के मोरहाबादी मैदान में किया जाएगा।

संसू, डुमरी (गिरिडीह)। आदिवासी सेंगेल अभियान के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में आठ नवंबर 2023 को रांची मोरहाबादी मैदान में सरना धर्म कोड जनसभा आयोजित की जाएगी। इसमें बिहार, झारखंड,बंगाल,असम,ओडिशा, त्रिपुरा,अरुणाचल प्रदेश सहित नेपाल, भूटान और बांग्लादेश देश से भी आदिवासी शामिल होंगे।
झारखंड में ईसाई आदिवासियों को किया जा रहा खुश
आदिवासी सेंगेल अभियान की टेसाफुली में हुई बैठक में उन्होंने उक्त बातें कही। कहा कि हम प्रकृति पूजक है, लेकिन अभी तक हमें धार्मिक मान्यता नहीं मिली है। यह हमारा मौलिक अधिकार है।
कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार सरना धर्म कोड की जगह ठगने और ईसाई आदिवासियों को खुश करने के लिए सरना आदिवासी धर्म कोड की अनुशंसा पत्र लिखते हैं क्योंकि आदिवासी समाज से ज्यादा उनको वोट और पार्टी की चिंता है इसलिए अभी तक राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संथाली भाषा ओलचिकी को झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं दिया है।
कुर्मी को आदिवासी बनाने के समर्थन का विरोध
उन्होंने कहा कि झारखंड में जेएमएम और हेमंत सोरेन के नेतृत्व की सरकार ने आठ फरवरी 2023 को कुरमी को आदिवासी बनाने का समर्थन किया है। इसी तरह बंगाल में टीएमसी, ओडिशा में बीजेडी ने समर्थन किया है इसका हम विरोध करते हैं।
चूंकि कुरमी जब आदिवासी बनेंगे, तो हम असली आदिवासी संताल, हो, मुंडा, उरांव, बिरहोर, खड़िया, पहाड़िया आदि का पतन हो जाएगा। कहा कि मरांग बुरू पारसनाथ पहाड़ गिरिडीह पीरटांड़ प्रखंड में स्थित है। वह आदिवासियों का मरांग बुरू है। ईश्वर है। उसे हेमंत सोरेन सरकार ने पांच जनवरी 2023 को लिखित रूप से जैन को सुपुर्द कर दिया। यह गलत है। उसका हम लोग विरोध करते हैं।
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सालखन मुर्मू करेंगे आदिवासी समाज की रक्षा
उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज को बचाने वाला एक ही नेता पूर्व सांसद सालखन मुर्मू है। अन्य नेता, पार्टी, संगठन सिर्फ अपने पेट, परिवार और पार्टी के लिए काम करते हैं।
आदिवासी समाज के लिए नहीं इसलिए आज हर हाल में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू को साथ देना होगा। अध्यक्षता गिरिडीह जिला छात्र मोर्चा अध्यक्ष दिलीप टुडू तथा संचालन डुमरी प्रखंड संयोजक सुगन बेसरा ने किया।
मौके पर ये सभी रहे उपस्थित
सेंगेल सरना धर्म मंडवा के प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार मुर्मू, सेंगेल अभियान के बोकारो जोनल युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय टुडू, बोकारो जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष ललिता सोरेन आदि ने भी अपने विचार रखे। मौके पर सेंगेल कमेटी का भी गठन किया गया।
इसमें छछंदो पंचायत अध्यक्ष माहा किस्कू, निर्मल कुमार मुर्मू, हीरालाल टुडू को टेसाफूली, आतु सेंगेल टावर महिला मोर्चा अध्यक्ष नमिता सो, छात्रा मोर्चा अध्यक्ष विनिता मुर्मू, छात्र मोर्चा अध्यक्ष महादेव मुर्मू को बनाया गया। बैठक में सावना मुर्मू, निर्मल मुर्मू, सोनवा मुर्मू सहित काफी संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित थे।

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