Bharat Bandh: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे आदिवासी समुुदाय के लोग, जानें क्या हैं इनकी मांगें
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने अपनी मांगों को लेकर आज भारत बंद की घोषणा की थी। इनमें सरना धर्म कोड को लागू करने जैसी कई मांगे हैं। इस दिन आदिवासी समुदाय के लोग सड़क पर उतरकर जगह-जगह सड़क को जाम किया।

जागरण संवाददाता, बोकारो। आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से सरना धर्म कोड मान्यता सहित आदिवासी हित में पांच सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। शहर में बंद बेअसर रहा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भारत बंद का असर देखने को मिला।
शहर पर नहीं दिखा बंद का असर
शहर में दुकानें आम दिनों की खुली रहीं, शहरी यातायात व्यवस्था पर भी बंद का असर देखने को नहीं मिला। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय के लोग सड़क पर उतरे और जगह-जगह सड़क को जाम किया, जिसकी वजह से सड़क की दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गईं।
आदिवासी समुदाय के लोगों ने किया सड़क जाम
भारत बंद के तहत बोकारो के पेटरवार एवं जरीडीह प्रखंड में आदिवासी सेंगेल अभियान के बैनर तले आदिवासी समुदाय के लोगों ने सड़क जाम किया। आदिवासी समुदाय के लोगों ने जरीडीह प्रखंड के जैनामोड़-फुसरो मार्ग को तुपकाडीह में जाम किया।
सड़क जाम करने वालों में ये रहे शामिल
सड़क जाम करने वालों में आदिवासी सेंगेल अभियान के जिलाध्यक्ष सुखदेव मुर्मू, जोनल संयोजक जयराम सोरेन, पूर्व जिला परिषद सदस्य गुलाबी देवी, प्रदेश संयोजक करमचंद हांसदा ,भीम मुर्मू, छात्र मोर्चा जिलाध्यक्ष कमल किस्कू, जरीडीह प्रखंड अध्यक्ष संतोष मुर्मू , राखो किस्कू, कालीचरण किस्कू, सावित्री मुर्मू , सुशीला, गुलाची मुर्मू, रानी मुर्मू , सीता मुर्मू, बुटन बेसरा आदि शामिल थे। वहीं, पेटरवार में बोकारो-रामगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को आदिवासियों ने जाम किया।
क्या है मुख्य मांग
- 2023 में सरना धर्म कोड लागू करने।
- मरांग बुरू (पारसनाथ पहाड़) को जैनियों के कब्जे से मुक्त कराने।
- कुर्मी को एसटी बनाना बंद करने।
- संताली को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा देने और अन्य आदिवासी भाषाओं को समृद्ध करने।
- आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक औैर संवैधानिक सुधार करने।
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