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    झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर बसा है दूधिया धाराओं वाला मनोरम जलप्रपात, नए साल की पार्टी के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 03:44 PM (IST)

    चिनिया (गढ़वा) में गुरु सिंधु जलप्रपात सैलानियों के लिए प्रसिद्ध है। नए साल पर हजारों पर्यटक आते हैं। दिसंबर-जनवरी में दूर से सैलानी पिकनिक मनाने आते ...और पढ़ें

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    झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर बसा है मनोरम जलप्रपात

    मनोज प्रसाद, चिनियां (गढ़वा)। चिनिया प्रखंड के सुप्रसिद्ध पर्यटक स्थल गुरु सिंधु जलप्रपात सैलानियों के लिए प्रसिद्ध है नव वर्ष के अवसर पर हजारों की संख्या में पर्यटक यहां के रमणीक स्थल देखने के लिए पहुंचते हैं यहां दिसंबर एवं जनवरी महीने में दूर-दूर से सैलानी पिकनिक के लिए पहुंचते हैं तथा पिकनिक स्थल को देखकर सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 

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    अनुपम प्राकृतिक छटा को देखते ही बनता है कल कल बहता निर्मल जल एवं चारों ओर से हरा भरा जंगल से खूबसूरती हरियाली तथा पहाड़ों के बीच स्थित गुरु सिंधु जलप्रपात प्राकृतिक के अनुपम भेट है।

    यहां झरने से गिरती दूधिया धाराएं और दोनों ओर खड़ी सफेद पत्थरों की विशाल दीवारें किसी राजमहल की भव्यता का एहसास कराती है वहां एक बार जो लोग पहुंचते हैं यहां से वापस लौटने का मन ही नहीं करता है। 

    यहां के मनोरम दृश्य को देखने के लिए छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड के सुदूरवर्ती शहर, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से पहुंचते ही पूरे इलाके में उत्सव जैसा माहौल बना रहता है। 

    कैसे पहुंचे जलप्रपात 

    यहां पहुंचने के लिए रंका अनुमंडल मुख्यालय से होकर चिनियां से छतैलिया, चपकली होते हुए लगभग 45 किलोमीटर दूरी तय एवं श्रीबंशीधर नगर से धुरकी होते हुए लगभग 46 किलोमीटर तथा गढ़वा जिला मुख्यालय से चिनियां होते हुए लगभग 43 किलोमीटर दूरी एवं चिनियां मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूरी तय कर गुरु सिंधु जलप्रपात पहुंचा जा सकता है। 

    मकर संक्रांति के दिन लगता है मेला

    14 जनवरी को लगने वाला पारंपरिक मकर संक्रांति के दिन यहां बहुत ही बड़ा मेला का आयोजन होता है। बताया जाता है कि यहां मेला का आयोजन चिनियां निवासी साधु स्वर्गीय केवल साव द्वारा 1952 से शुरू हुआ था। इसके बाद से यहां हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है।

    स्वर्गीय साधु केवल साव द्वारा वहां पर शिव स्थान स्थापित किया गया है वहां मेले में बताया जाता है कि मेले में जो लोग पहुंचते हैं। वहां पर जल चढ़ाते हैं। साधु स्वर्गीय केवल साव के वंशज चिनियां निवासी कपिल प्रसाद, मनोज प्रसाद, अजीत प्रसाद, संतोष प्रसाद, अशोक प्रसाद सहित परिवार के सभी सदस्य हमेशा मकर संक्रांति के दिन पहुंचकर उनके मेले का हिस्सा बनते हैं। 

    सैकड़ों फीट ऊंचे पहाड़ों से गिरता है पानी

    गुरु सिंधु जलप्रपात पर्यटक स्थल का दृश्य देखने योग्य मुख्य गोगा जलप्रपात निचला जलप्रपात तथा सत खटिवा गहरी जलाशय पानी से कट कटकर सैकड़ों फीट पहाड़ों के बने दीवार मनभावन लगता है। 2018 में पूर्व के रघुवर दास की सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित भी किया गया है। लेकिन अभी तक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित नहीं हुआ है।