Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुमका की महाबला पहाड़ियों में आदि मानव के पद चिह्न, किसी जमाने में यहां भी था इंसानों के पूर्वजों का बसेरा

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Tue, 06 Dec 2022 02:12 PM (IST)

    यहां आद‍ि मानव के पैरों की छाप मिलने का दावा पंडित अनूप कुमार वाजपेयी ने किया है। ऐसा माना जा रहा है कि आज से हजारों साल पहले यहां इंसान के पूर्वजों क ...और पढ़ें

    Hero Image
    दुमका की महाबला पहाड़ियों में आदि मानव के पद चिह्न (डेमो तस्‍वीर)

    राजीव, दुमका। दुमका जिले (Dumka) के जरमुंडी इलाके (Jarmundi) की महाबला पहाड़ियों (Mahabala) में आदि मानव के पैरों की छाप मिलने का दावा किया गया है। जिस चट्टान पर चिह्न पाया गया है, वह झनकपुर पंचायत (Jhanakpur Panchayat) के बरमसिया में घाघाजोर नदी के किनारे है। संबंधित पद चिह्न आदि मानव के होने का यह दावा पंडित अनूप कुमार वाजपेयी ने किया है। बहरहाल, अनूप के दावे के बाद पथ निर्माण विभाग ने यहां दो बोर्ड लगाए हैं, जिसमें यहां जीवाश्म होने की जानकारी दी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहाड़ियों में सिमटी करोड़ों साल पुरानी यादें

    यहां पर्यटक भी इन पद चिह्नों को देखने पहुंचते हैं। बकौल अनूप पद चिह्नों को देखकर प्रतीत होता है कि आदि मानव कभी इस स्थल के आसपास रहे होंगे इसलिए उनके कदमों के निशान इस जगह पर बने। प्रलय (Holocaust) के कारण सब कुछ खत्म हो गया, बावजूद जीवाश्म (fossil) के रूप में आज भी यह क्षेत्र करोड़ों वर्ष पुरानी यादें अपने अंदर समेटे है।

    बिहार में रहते थे आदि मानव, मिले ऐतिहासिक साक्ष्य

    पहले के इंसान, जानवरों की आकृति होती थी काफी बड़ी

    महाबाला पहाड़ियां राजमहल पहाड़ियों का ही हिस्सा हैं, जो अति प्राचीन हैं। 2016 में अनूप इस इलाके का भ्रमण कर रहे थे। तभी नदी के किनारे पद चिह्न दिखा। इसके बाद जब उन्होंने खोजबीन की तो ऐसे नौ चिह्न मिले। इसके अलावा गिलहरी व मछली की आकृति, हिरण के खुर जैसे जीवाश्म भी मिले। ये आकृतियां काफी बड़ी हैं। इससे प्रतीत होता है कि आज के इंसान, गिलहरी व हिरणों से उस समय के इंसान व अन्य जीव आकृति में भी बड़े रहे होंगे।

    जीवाश्‍मों का इतिहास 30 करोड़ साल पुराना

    आदि मानव के दो डग के बीच की दूरी डेढ़ से पौने दो मीटर तक है। इससे पता चलता है कि उनकी लंबाई दस फीट से अधिक रही होगी। निशान यह भी बता रहे कि पैर का अंगूठा करीब दो इंच से अधिक मोटा है। पंजा करीब एक फीट का है। ये जीवाश्म 30 करोड़ साल से अधिक पुराने हो सकते हैं।

    आदिमानव की मौत 40 हजार साल पहले हो गई थी, लेकिन पृथ्वी पर उनके डीएनए नहीं मिले