आधुनिक युग में डोभा का प्रदूषित पानी पीना मजबूरी
दुमका आधुनिक युग में आज भी गांव में रहनेवाले लोग स्वच्छ जल की बजाय डोभा का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। फरियाद लेकर प्रखंड कार्यालय जाते हैं लेकिन अधिकारी सुनते ही नहीं हैं। मुख्यमंत्री जन शिकायत केंद्र में भी सुनवाई नहीं होती है।
दुमका : आधुनिक युग में आज भी गांव में रहनेवाले लोग स्वच्छ जल की बजाय डोभा का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। फरियाद लेकर प्रखंड कार्यालय जाते हैं लेकिन अधिकारी सुनते ही नहीं हैं। मुख्यमंत्री जन शिकायत केंद्र में भी सुनवाई नहीं होती है।
गोपीकांदर प्रखंड के नमोडीह गांव का प्रधान टोला की जनसंख्या लगभग 280 है। ग्रामीणों को इस वर्षा के मौसम में भी पीने के पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है। जलसंकट से निदान के लिए जब 12 फरवरी को जब ग्रामीणों की समस्या को प्रशासन के करीब लाने का प्रयास किया तो बीडीओ ने ग्रामीणों को ग्रामसभा कर आवेदन देने को कहा गया। सिदो-कान्हू मुर्मू सामाजिक एकता मंच व सामजिक संगठन ने भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को जन समस्याओं से अवगत कराया। इसके बाद प्रशासन ने टोला में एक मात्र चापाकल में सोलर टंकी लगा दी लेकिन सफल नहीं हो सकी। प्रधान और मुखिया को बिना सूचना दिए विभाग ने सोलर टंकी को वापस ले ली। मुखिया का कहना है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी का चालक उठाकर ले गया। उसके बाद चापाकल ने और भी काम करना बंद कर दिया। अब उससे काफी कम पानी आता है। ग्रामीण करीब आधा किलोमीटर दूर जंगल से झरना का दूषित पानी को मजबूर हैं। टोला कई वर्षो से पानी संकट से जूझ रहा है। गर्मी में पानी के लिए डेढ़ और बारिश में करीब आधा किलोमीटर से अधिक दूर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि अगर जल्द ही प्रधान टोला में एक डीप बोरिग और दो नए चापाकल नहीं लगाए गए तो चुनाव में खड़े होने वालों को परेशानी का सामना करना होगा। समस्या का समाधान नहीं होने पर सामाजिक एकता मंच ने भी आदोलन की चेतावनी दी है। जोसफ मुर्मू, शिवराम हेंब्रम, देवीधन मुर्मू, कृष्णा हेंब्रम, गुलो सोरेन, रामचंदर हेंब्रम, गिरीश टुडू, मंजू किस्कू, सरेला बेसरा, जमेन मुर्मू, लोखोन मुर्मू आदि का कहना है कि समस्या निदान के लिए मुख्यमंत्री जन संवाद में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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