मसानजोर डैम पर झारखंड व बंगाल में जुबानी जंग जारी
मसानजोर डैम को लेकर बंगाल और झारखंड के बीच विवाद और गहराता जा रहा है। दोनों ओर से जुबानी जंग जारी है।
दुमका/कोलकाता, जेएनएन। झारखंड के दुमका जिले में स्थित मसानजोर डैम को लेकर बंगाल और झारखंड के बीच विवाद और गहराता जा रहा है। दोनों ओर से जुबानी जंग जारी है। डैम पर अपने-अपने अधिकार को लेकर दोनों राज्यों के दावेदारी ठोकने से टकराव की आशंका भी बढ़ गई है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, डैम पर पैदा हुए विवाद के बीच वीरभूम जिला प्रशासन के अधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को दुमका गए थे, लेकिन मसानजोर डैम के आयुक्त ने उनसे मिलने से इन्कार कर दिया है। इसे लेकर पश्चिम बंगाल के प्रशासनिक हलकों में क्षोभ है। इस बीच, झारखंड से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को इस मामले को संसद में उठाया। यह डैम पांचवें दशक में कनाडा सरकार की मदद से झारखंड के दुमका के सदर प्रखंड मसानजोर व आसपास के 144 मौजा भू-भाग पर बनाया गया था।
भाजपा सांसद ने संसद में उठाया मामला
इधर, सोमवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में मसानजोर डैम विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। निशिकांत ने कहा कि मसानजोर डैम पर अब पश्चिम बंगाल का जोर नहीं चलने दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहीं ममता दीदी की नियत में अभी से खोट है। मसानजोर डैम पर जबरन अधिकार जताने में लगी हैं। छोटे राज्यों के प्रति उनकी यह मानसिकता अभी से ऐसी है तो अगर गलती से ममता दीदी पीएम बन गईं तो न जाने क्या करेंगी। निशिकांत ने इस मामले में झारखंड को वाजिब हक देने की मांग की है।
भाजपा वेट एंड वाच की स्थिति में
सोमवार को मसानजोर डैम प्रकरण में वहां कोई भी गतिविधि दोनों राज्यों की ओर से नहीं है। दोनों राज्यों की प्रशासन भी मौन है। भाजपा या तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी कोई बयानबाजी नहीं हुई है। भाजपा के कार्यकर्ता भी फिलहाल वेट एंड वाच की स्थिति में हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के जल संसाधन विभाग ने भी डैम के रंगरोगन का काम दोबारा शुरू नहीं कराया है।
बंगाल के दो मंत्रियों ने लुईस मरांडी के बयान पर जताई कड़ी आपत्ति
बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा शासित झारखंड सरकार बेवजह इस मुद्दे पर विवाद पैदा कर रही है। झारखंड के भाजपा नेता व मंत्री विक्षिप्तों की तरह बयान दे रहे हैं जो आपत्तिजनक है। वीरभूम जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने कहा है कि झारखंड के भाजपा नेता अशिक्षितों की तरह बात कह रहे हैं। उन्हें नियम- कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बंगाल के सिंचाई मंत्री सोमेन महापात्र ने कहा है कि मसानजोर डैम के रखरखाव और मरम्मत बंगाल सरकार करती रही है। उसके काम में बाधा डालने का अधिकार किसी को नहीं है।
मसानजोर डैम की ओर देखने वालों की आंख निकाल लेंगेः लुईस मरांडी
दुमका की विधायक व समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी ने रविवार को मसानजोर पहुंच कर पश्चिम बंगाल सरकार को दो टूक कहा कि पहले वह एकरारनामा का डीड दिखाए फिर यहां के डैम पर अपना अधिकार जताए।डॉ. लुईस ने कहा कि डैम व यहां के ग्रामीणों पर निगाह डालने वालों की आंख निकाल लेंगे। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा कि डीड की मियाद खत्म हो चुकी है इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार अपनी हद में रहे।
डॉ. लुईस ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार साजिश के तहत इस क्षेत्र में अपना राजनीतिक एजेंडा तय कर रही है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि वहां की सरकार ने जानबूझ कर झारखंड की जमीन पर पश्चिम बंगाल सरकार सरकारी रंग से मसानजोर डैम की दीवारों को रंगवाने का काम करा रही है और मुख्य पथ पर वेलकम बोर्ड में पश्चिम बंगाल सरकार का लोगो लगाकर अपना अधिकार जताने में लगी है।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। प्रधानमंत्री ने भी इसे गंभीरता से लिया है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए यहां के जल संसाधन विभाग को आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने रुकवाया काम, सनहा दर्ज
तीन दिन पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं ने मसानजोर डैम की दीवारों पर चल रहे रंग रोगन के काम को यह कहते बंद करा दिया था कि किसी भी सूरत में पश्चिम बंगाल सरकार के सरकारी रंग को यहां नहीं चढ़ने दिया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ताओं के इस कदम की जानकारी जब पश्चिम बंगाल सरकार और वहां के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंची तो तीन अगस्त को वहां के जल संसाधन विभाग के मसानजोर में पदस्थापित एसडीओ के माध्यम से मसानजोर स्थित ओपी में इस घटना के विरुद्ध एक सनहा (एफआइआर) दर्ज कराया गया।
झारखंड की जमीन पर पश्चिम बंगाल की यह जबरदस्ती बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। मसानजोर डैम झारखंड की जमीन पर है और इससे यहां की जनता की भावना जुड़ी है। यहां के डैम विस्थापित के हक व अधिकार की लड़ाई उनके स्तर से लंबे अर्से से लड़ी जा रही है।
-डॉ. लुईस मरांडी, समाज कल्याण मंत्री, झारखंड।
जानें, क्या है विवाद
बंगाल सरकार द्वारा मसानजोर डैम की सफेद नीले रंग से रंगने व डैम की ओर जाने वाले रास्ते पर बने तोरणद्वार पर बंगाल का लोगो लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। नीला व सफेद रंग से रंगने का झारखंड सरकार ने विरोध किया तो कार्य रूक किया। बंगाल में सरकारी भवनों को सफेद नीला रंग से रंगाई की गई है और यह रंग एक तरह से ममता सरकार की पहचान से जुड़ गई है। झारखंड सरकार ने दुमका के मयूराक्षी नदी पर स्थित मसानजोर डैम को नीले सफेद रंग से रंगने का काम रोक दिया। इसके साथ ही वहां से बंगाल सरकार के विश्व बांग्ला लोगों को भी हटा दिया गया है। उसकी जगह झारखंड सरकार का लोगो लगवा दिया गया है।
मसानजोर डैम
मसानजोर बांध दुमका से 31 किमी दूर है, दुमका-सिउरी रोड पर स्थित है। पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के सिउरी इस बांध से 45 किमी दूर है। इस बांध का निर्माण मयूराक्षी नदी पर 1955 में बिजली उत्पादन के लिए कनाडा की मदद से हुआ था। कनाडा की वास्तुशिल्प शैली में बने होने के कारण इस बांध को कनाडा बांध या पीयरसन बांध भी कहा जाता है। यह बांध 16650 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी ऊंचाई 155 फीट और लंबाई 2170 फीट है। इसकी जल भंडारण क्षमता 5 लाख एकड़ फीट है।
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