कैसे होगा टीबी का खात्मा जब वक्त पर न हो पाए एक्स-रे, महीनों से खराब पड़ी मशीन को नहीं मिली मरम्मत; मारे फिर रहे मरीज
2024 तक देश भर से टीबी खत्म करने का अभियान चल रहा है। हर जगह जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है। हालांकि धनबाद में टीबी के मरीजों को अधिकारियों की उदासीनता का शिकार होना पड़ रहा है। महीनों से खराब पड़े मशीन को अब तक ठीक नहीं कराया गया है। ऐसे में मरीजों को सदर अस्पताल से दूसरे जगह जाकर इलाज करवाना पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। 2024 तक देश भर से टीबी उन्मूलन का अभियान चल रहा है। इसे लेकर हर जगह जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहे हैं, लेकिन धनबाद में अधिकारियों की उदासीनता के कारण अभियान पर ब्रेक लग रहा है।
दरअसल, टीबी के मरीजों की जांच के लिए सदर अस्पताल परिसर में अप्रैल 2023 में एक-रे मशीन स्थापित की गई। लेकिन लगने के बाद ही यह मशीन खराब हो गई है। अभी तक मशीन की मरम्मत नहीं कराई जा सकी है। स्थिति यह हो गई है कि अधिकारियों ने दरवाजे पर ताला जड़ दिया है।
अब सबसे ज्यादा परेशानी वैसे गरीब मरीजों को हो रही है जिन्हें बाहर जांच करने को कहा जा रहा है। ज्ञात होगी जिले में 3500 से ज्यादा टीबी के संक्रमित मरीज हैं। प्रत्येक वर्ष ढाई सौ से ज्यादा मरीज मिलते हैं।
एमडीआर टीबी सेंटर का भी नहीं हुआ स्थानांतरण
सदर अस्पताल प्रांगण में स्थित एमडीआर टीबी सेंटर को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शिफ्ट करना था। इसके लिए जनवरी 2023 की तारीख तय की गई थी, लेकिन लगभग साल बीतने वाला है, अभी तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है।
अभी जहां पर यह सेंटर है वहां पर कोई डॉक्टर और टेक्नीशियन नहीं है। ऐसे में यहां गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं कराया जा पा रहा है। इसे गंभीर मरीजों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
मशीन को मरम्मत करने के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है। जहां भी उदासीनता नजर आएगी उन पर कार्रवाई की जाएगी।- डॉ. सीबी प्रतापन, सिविल सर्जन, धनबाद
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