यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार में पहुंचे धनबाद विधायक, योगी की वापसी का दावा
कोयलांचल और यूपी के पूर्वांचल में गहरा रिश्ता रहा है। पूर्वांचल के लाखों लोग कोयला की खानों में रोजी रोजगार की तलाश में आए और यहीं के हो कर रह गए। लेकिन उनका रिश्ता अपने मूल स्थान से भी बना हुआ है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर धनबाद जिला से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और वरीय नेता उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में पहुंच चुके हैं। कार्यकर्ताओं का यह जत्था धनबाद सदर विधायक राज सिंहा के नेतृत्व में यूपी के दो विधान सभा इलाकों में अपना डेरा जमाए हुए हैं। इन दाेनों इलाकों में मतदाताओं को रिझाने के काम की कमान राज सिंहा के हाथों में केंद्रीय आलाकमान ने सौंपी है। जिसके बाद ये कार्यकर्ता वहां पहुंच चुके हैं। इसके अलावा भी केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर युवा कार्यकर्ताओं का एक जत्था उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके के लिए कूच करने की तैयारी में जुट गया है।
विधायक राज सिंहा ने बताया कि रविवार को उनको अचानक से केंद्रीय नेतृत्व से यूपी के बलरामपुर के अलावा एक और विधान सभा का चुनाव प्रचार प्रभारी बनाने की सूचना दी गई और कहा गया कि वे तुरंत उन इलाकों में पहुंच कर चुनाव प्रचार की कमान संभाल लें। आलाकमान का आदेश आते ही वे रविवार की रात को धनबाद से कूच कर गए और साेमवार की सुबह बलरामपुर पहुंच कर अपना दायित्व संभाल लिया है। उन्होंने बताया उनके साथ करीब एक दर्जन कार्यकर्ता आए हैं। पहले से भी कुछ लोग यहां मौजूद हैं। जिनके साथ दोपहर में एक बैठक कर रणनीति बनाया जाना है। उसी रणनीति के अनुसार ये सारे कार्यकर्ता इलाकों में घूम घूम कर प्रत्याशियों के लिए वोट करने की अपील करेंगे। सिहा ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व के अलावा झारखंड प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने धनबाद जिला इकाई से आग्रह किया है। इसको लेकर जिला इकाई के पदाधिकारी मंथन कर वे उन कार्यकर्ताओं का नाम फाइनल करने में लगे हुए हैं, जिनकी पूर्वांचल इलाके में गहरी पैठ है।
गौरतलब है कि कोयलांचल और यूपी के पूर्वांचल में गहरा रिश्ता रहा है। पूर्वांचल के लाखों लोग कोयला की खानों में रोजी रोजगार की तलाश में आए और यहीं के हो कर रह गए। लेकिन उनका रिश्ता अपने मूल स्थान से भी बना हुआ है। इनमें बहुत सारे लेाग भाजपा से भी जुड़े हुए हैं। अब भाजपा नेतृत्व पूर्वांचल की वोट की लड़ाई में इन लोगों को बुलाकर मतदाताओं को रिझाने के काम में लगाने की सोच रही है। इसी सोच के तहत इन कार्यकर्ताओं को बुला रही है।
बताते चलें कि इस बार का यूपी चुनाव में कांटे की टक्कर होने की बात कही जा रही है। ऐसे में पूर्वांचल के इलाके में भाजपा नेतृत्व कोई रिस्क नहीं लेना चाह रहा। इसलिए हर संभावना को तलाशते हुए अपने चाल चल रही है।
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