मधुबन में दीक्षा महोत्सव के दौरान मंच टूटा, बाल- बाल बचे विशुद्ध सागरजी महाराज
जैनियों के प्रमुख तीर्थ स्थल झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन में दीक्षा महोत्सव चल रहा है। इस दौरान रविवार को एक हादसा हो गया। स्टेज टूट गया। संजोग अच्छा रहा कि जैन मुनि विशुद्ध सागर जी महाराज को चोट नहीं लगी।

जागरण संवाददाता, गिरिडीह। जैनियों के विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में जहां जैन धर्म के बीस तीर्थंकरों ने निर्वाण को प्राप्त किया है। इसी पावन धरा पर एक बार फिर दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव रविवार सुबह शुरू हुआ। हालांकि इस दौरान थोड़ी देर के लिए व्यवधान उत्पन्न हो गया। मंच टूट गया इससे अफरा-तफरी मच गई। संजोग अच्छा रहा विशुद्ध सागर जी महाराज को चोट नहीं आई। तेरहपंथी कोठी में ही कार्यक्रम चल रहा है।
शुक्रवार को बिनौली निकाली गई थी जिसमें बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था। सांसारिक मोह को छोड़ वैराग्य के पथ पर बढ़ने जा रहे पांच ब्रह्मचारियों को विदाई देने शुक्रवार को जैन समाज में काफी उत्साह देखा गया। सम्मेद शिखर की पावन धरा मधुबन में शुक्रवार देर शाम तक नवदीक्षार्थियों की बिनौली यात्रा निकाली गई। इस दौरान सड़कों पर जैन साधु संतों के नारे गूंजते रहे। मधुबन में पांच नवदीक्षार्थीयों की बिनौली यात्रा निकाली गई। मौके पर समाज के लोगों ने नवदीक्षार्थी की आरती कर उन्हें विदाई दी। इससे पूर्व नवदीक्षार्थियों की गोदभराई की गई जिसमें समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। जैन समाज के पुरुषों व महिलाओं ने भावुकता के साथ नम आंखों से पांच मुनि दीक्षार्थियों की बिनौली यात्रा में शामिल होकर गोद भराई की रस्म अदा की। पूरा मधुबन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गुंजायमान है। आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर महाराज के सानिध्य में तेरहपंथी कोठी में तरह तरह के धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्ही कार्यक्रमों में दीक्षा समारोह भी होगा। पारसनाथ की पवित्र धरा मधुबन स्थित तेरहपंथी कोठी, ट्रस्ट मंडल बंगाल बिहार उड़ीसा, दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी कोलकाता के आयोजित भव्य कार्यक्रम में पांच दीक्षार्थी रविवार को मुनि दीक्षा ग्रहण करेंगे। इस कार्यक्रम में नेपाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में जैन श्रद्धालु मधुबन पहुंचे हैं।
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