अगर 50 वर्ष की उम्र में बनवा रहे हैं ड्राइविंग लाइसेंस तो अब फिटनेस सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं
ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यूू कराने में आज-कल करने की आदत आपको लंबे चक्कर में फंसा सकती है। यदि ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कराने में आने एक साल से अधिक देर की तो आपको कार बाइक चलाने का फिर से टेस्ट देना होगा।

जागरण संवाददाता, धनबाद: ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यूू कराने में आज-कल करने की आदत आपको लंबे चक्कर में फंसा सकती है। यदि ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कराने में आने एक साल से अधिक देर की तो आपको कार, बाइक चलाने का फिर से टेस्ट देना होगा।
मोटर वाहन अधिनियम 2019 में नियमों को तोड़ने पर जुर्माने समेत लाइसेंस को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। केंद्र सरकार ने नए कानून में जहां लाइसेंस रिन्यू कराने में एक महीने की छूट की बजाय एक साल तक की बिना फीस छूट दी है तो वहीं कुछ सख्ती भी की है। इसके पूर्व यह टेस्ट पांच साल तक लापरवाही बरतने पर लाइसेंस रिन्यू के समय देना होता था। सालाना एक हजार रुपए जुर्माना चुकाकर लाइसेंस रिन्यू कराने की छूट थी। नए बदलाव में लाइसेंस बनवाने में चार श्रेणी तय कर दी गई है। प्राइवेट लाइसेंस धारक के लिए एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि 50 साल की उम्र होने पर हर पांच साल में लाइसेंस रिन्यू कराते समय उन्हें जो फिटनेस सर्टिफिकेट देना होता था, वह अब नहीं देना होगा। वहीं व्यावसायिक वाहन चालकों को भी अब हर तीन साल में लाइसेंस रिन्यू कराने की जरूरत नहीं होगी। नई व्यवस्था को धनबाद परिवहन ऑफिस समेत पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है।
जानें ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में क्या हुआ है बदलाव
- आपकी उम्र 30 साल से कम है तो पहली बार में ड्राइविंग लाइसेंस 40 साल की उम्र पूरी होने तक की बनेगी।
- 30 साल से उम्र ज्यादा, लेकिन 50 साल से कम है तो लाइसेंस 10 साल के लिए बनेगा।
- उम्र 50 साल से ज्यादा और 55 साल से कम है तो लाइसेंस 60 साल उम्र पूरी होने तक का बनेगा।
- चालक की उम्र 55 साल हो गई है तो लाइसेंस उसके बाद सिर्फ 5 साल का बनेगा, यानी प्रत्येक पांच साल में लाइसेंस रिन्यू कराना होगा।
- व्यवसायिक लाइसेंस अब हर तीन साल में नहीं, पांच साल में रिन्यू कराना होगा। व्यावासायिक लाइसेंस के लिए अब 8वीं पास की शर्त भी खत्म हो गई है।
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