Railway Job Fraud : रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी, एक गिरफ्तार; दूसरा फरार
झारखंड के धनबाद जिले से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि दो ठगों ने ओडिशा के एक व्यक्ति से 18 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दूसरा फरार है। आरोपियों ने फर्जी कागजात और ज्वाइनिंग लेटर दिखाकर पीड़ित को विश्वास में लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जाटी, मैथन-निरसा। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर दो ठगों ने निरसा थाना क्षेत्र के गोपालगंज निवासी श्यामलाल रविदास से 18 लाख रुपये की ठगी कर ली। इस संबंध में श्यामलाल रविदास की शिकायत पर निरसा पुलिस ने कार्रवाई की है।
पुलिस ने धनबाद जिले के सुदामडीह थाना क्षेत्र के मोहलबनी (कंचनपुर) निवासी देवनारायण सुपाकर नामक ठग को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि उसका साथी बलियापुर थाना क्षेत्र के आमटाल दास बस्ती निवासी सुनील रविदास पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित श्यामलाल रविदास ने बताया कि दोनों ठगों ने कागजातों से फर्जीवाड़ा कर ईस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर कुर्धा रेलवे डिविजन ओडिशा में मेरे दो पुत्र रमेश दास को ग्रुप सी के टीसी एवं उमेश कुमार दास को ग्रुप डी में हेल्पर की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया।
वे लोग कई बार मेरे पुत्रों को ओडिशा भी ले गए। रेल मंत्रालय का कागज दिखाकर एवं रेलवे का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर घर में डाक से भेजकर मुझे विश्वास में ले लिया। उन लोगों ने वर्ष 2022 में कई किस्तों में घर में आकर पैसा लेकर गए।
ऐसे खुलकर सामने आई सच्चाई
- चेक के माध्यम से भी मैंने पैसे का भुगतान किया। दो वर्ष बाद भी जब मेरे बेटों को रेलवे में नौकरी नहीं मिली तो सच्चाई पता करने के लिए मेरे पुत्र ईस्ट कोस्ट रेलवे के भुवनेश्वर कार्यालय गए। जहां से पता चला कि सभी कागजात फर्जी हैं।
- इसके बाद जब हमलोग दोनों ठगों के घर जाकर पैसे की मांग की तो वे लोग उलटा मुझे एवं मेरे पुत्रों को धमकी देने लगा कि पैसा नहीं मिलेगा और ज्यादा करोगे तो जान से मार देंगे।
- इधर, एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस आरोपी देवनारायण सुपाकर के अन्य दोस्तों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर ठगी करने वाले गिरोह का उद्भेदन कर लेगी।
क्या कहती है पुलिस
श्यामलाल रविदास ने 17 दिसंबर 2024 को देवनारायण सुपाकर (पिता साधन सुपाकर) के विरुद्ध रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी करने की शिकायत की थी। जिसके आलोक में निरसा पुलिस ने 26 जनवरी को देवनारायण सुपाकर को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। देवनारायण सुपाकर विभिन्न राज्यों में बैठे अपने अन्य दोस्तों के साथ मिलकर स्थानीय युवकों को रेलवे सहित अन्य संस्थाओं में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर उन्हें फर्जी आई कार्ड एवं प्रमाण पत्र मुहैया कराता था। साथ ही वह किसी अज्ञात जगह पर उनकी ट्रेनिंग भी करा कर विश्वास दिला देता था कि वह नौकरी दिला देगा। इस झांसे में आकर स्थानीय युवक उसे पैसा दे देते थे। - रजत मणिक बाखला, एसडीपीओ, निरसा
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