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    अटल बिहारी वाजपेयी ने शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया, देशहित को रखा सर्वोपरि: पीएन सिंह

    By Sanjaynirsa Kumar Singh Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 03:20 PM (IST)

    BJP Dhanbad: पूर्व सांसद पीएन सिंह ने निरस में अटल स्मृति सम्मेलन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने 2001 में सर्व शिक्षा अभियान शुरू कर शिक्षा को मौलिक ...और पढ़ें

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    धनबाद के पूर्व सांसद पीएन सिंह को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित करतीं पूर्व विधायक अपर्णा सेनगुप्ता।

    जागरण संवाददाता, निरसा (धनबाद)। सर्व शिक्षा अभियान 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल शुरू हुआ था। जिसका मुख्य लक्ष्य 6 से 14 साल तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना था। इसे सभी के लिए शिक्षा आंदोलन के रूप में जाना जाता है। यह वाजपेयी की दूरदर्शी पहल थी। जिसने भारत में प्राथमिक शिक्षा के सार्व भौमिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव लाए और इसे 86 वें संविधान संशोधन द्वारा मौलिक अधिकार बनाया गया। उक्त बातें पूर्व सांसद पीएन सिंह ने निरसा गुरुद्वारा परिसर में मंगलवार को भाजपा द्वारा आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

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    उन्होंने कहा कि पहली बार वाजपेयी की सरकार ने सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के शव को सम्मानपूर्वक घर पहुंचाया की जो परिपाटी शुरू की थी वह आज भी जारी है। कारगिल युद्ध के समय शहीद सैनिकों के उनके स्वजनों को पेट्रोल पंप,गैस एजेंसी आवंटित करने तथा नौकरी देने जैसी योजनाएं भी वाजपेयी सरकार ने शुरू की थीं। यह शहीदों के प्रति सम्मान और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति एक बड़ी पहल थी।

    उन्होंने कहा कि झामुमो ने हमेशा झारखंड आंदोलन को बेचने का काम किया। वाजपेयी जी ने झारखंड राज्य को अलग राज्य बनाने का काम किया। हेमंत सोरेन झारखंड की खनिज संपदा को लूटने का काम कर रहे हैं। वाजपेयी ने चतुर्दिक सड़क योजना के माध्यम से नेशनल हाईवे का चौड़ीकरण कर उसे अलग रूप दिया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री सड़क योजना के माध्यम से गांव को शहर से जोड़ने का काम किया।

    उन्होंने हमेशा पार्टी के कार्य कर्ताओं को सर्वोपरि स्थान दिया। उनका कहना था कि पार्टी ताला है तो चाबी पार्टी के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने देश को हमेशा राजनीति से ऊपर रखा। 1971 में जब बांग्लादेश का निर्माण किया गया था तब वाजपेई जी ने ही इंदिरा गांधी का खुलकर सपोर्ट किया था। और तो और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने जब उन्हें भारत का पक्ष रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ जाने का प्रस्ताव दिया तो उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सहर्ष स्वीकार किया पाकिस्तान को पूरे विश्व समुदाय के समक्ष नंगा करने का काम किया।

    कार्यक्रम की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ। अटल स्मृति सम्मेलन को पूर्व विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, वासुदेव महतो, रति रंजन गिरि, अनिल यादव, संजय महतो, जयप्रकाश सिंह, दीपा दास, डब्लू बाउरी इत्यादि ने भी संबोधित किया।

    कार्यक्रम को सफल बनाने में गोविंदा यादव, दीपक दास, रानी सिंह, समिता सिंह, साधना सिंह, विवेक मोदक, विपिन बिहारी मंडल, मुन्ना सिंह, संजयसिंह, बृहस्पति पासवान, राजेश बाउरी, अशोक गुप्ता, मनोज सिंह, बृहस्पति पासवान इत्यादि की भूमिका रही।