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    महागठबंधन में गांठ! सीट शेयरिंग से पहले ही सहयोगी दल ने इस सीट पर उतार दिया प्रत्याशी, JMM या Congress किसको होगा नुकसान?

    Updated: Sun, 10 Mar 2024 08:56 AM (IST)

    Jharkhand Politics झारखंड में चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। अभी इंडी गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग नहीं हुई इससे पहले ही झारखंड में एक बड़ी पार्टी ने एक सीट पर प्रत्याशी उतार दिया है। पार्टी ने ना सिर्फ अपना प्रत्याशी उतार दिया है बल्कि चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। यह गठबंधन में गांठ का संकेत है।

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    झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी

    दिलीप सिन्हा, धनबाद। Jharkhand Political News प्रसिद्ध मार्क्सवादी चिंतक और तीन बार धनबाद के सांसद रहे दिवंगत कामरेड एके राय की पार्टी मार्क्सवादी समन्वय समिति(मासस) ने चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले ही झारखंड में आइएनडीआइए (INDIA Allaince) की एकजुटता की हवा निकाल दी है।

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    आइएनडीआइए के घटक दलों के बीच अभी सीटों का बंटवारा तक भी नहीं हुआ है, इससे पहले ही मासस ने धनबाद में ना सिर्फ अपना प्रत्याशी उतार दिया है बल्कि चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। मासस ने यहां से अपने युवा संगठन मार्क्सवादी युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष जगदीश रवानी को प्रत्याशी बनाया है।

    जगदीश रवानी के लिए प्रचार में खुद पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक आनंद महतो एवं निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी उतर चुके हैं। विदित हो कि मासस झारखंड में आइएनडीआइए का घटक दल है। आइएनडीआइए की बैठक में मासस की ओर से उसके कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व विधायक अरुप चटर्जी शामिल होते हैं।

    धनबाद-कोडरमा सीट पर फंस रहा पेंच

    झारखंड में आइएनडीआइए के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती वामपंथियों को साधने की है। वामपंथी झारखंड में धनबाद और कोडरमा लोकसभा सीट पर दावेदारी कर रहे हैं। धनबाद से मासस और कोडरमा से भाकपा माले लड़ती आ रही है।

    महागठबंधन ने धनबाद सीट कांग्रेस के हवाले कर दिया है जबकि कोडरमा सीट पर झामुमो दावेदारी कर रहा है। बगोदर के भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने बताया कि माले ने कोडरमा सीट पर अपना दावा किया है। इस पर निर्णय आइएनडीआइए का केंद्रीय नेतृत्व करेगा।

    मासस 1977 से धनबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में पहली बार मासस ने यहां से प्रत्याशी नहीं दिया था। पार्टी के अध्यक्ष आनंद महतो और पूर्व विधायक अरूप चटर्जी में से कोई भी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुए थे। इस कारण, मासस ने महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस को समर्थन दिया था।

    मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो ने बताया कि धनबाद लोकसभा सीट मासस की परंपरागत सीट है। हमारी ताकत यहां काफी मजबूत है। इस कारण, हमने यहां प्रत्याशी उतारा है। चुनाव प्रचार चल रहा है। भाजपा की नीतियों का विरोध करने वालों को यहां मासस को समर्थन देना चाहिए।

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