Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Dhanbad: आइआइटी आइएसएम के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र ने गमछे लटक कर लगाई फांसी

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Tue, 06 Dec 2022 09:36 PM (IST)

    आईआईटी धनबाद के एक छात्र ने गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वाला छात्र प्रवीण 2018 बैच के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का छात्र था। चेरूकुरी प्रवीण मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था। आत्महत्या के कारणों का पता अभी तक नहीं चल सका है।

    Hero Image
    फांसी लगाने वाले छात्र प्रवीण के कमरे की जांच करती पुलिस।

    धनबाद, जागरण संवाददाता: आइआइटी आइएसएम के एक छात्र ने मंगलवार को अंबर हॉस्टल के रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 2018 बैच के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का छात्र चेरूकुरी प्रवीण मूल रूप से  हैदराबाद का रहने वाला था। प्रवीण के दोस्त उस दिन फिल्म देखने गए हुए थे और जब शाम चार बजे वे हॉस्टल लौटे तो प्रवीण का रूम बंद पाया। रूम का दरवाजा काफी देर तक खटखटाने के बाद भी जब नहीं खुला तो अंबर हॉस्टल के चीफ वार्ड उमाकांत त्रिपाठी को छात्रों ने सूचना दी। जब कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो प्रवीण का शव गमछे के सहारे लटका हुआ मिला।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आइएसएम के हेल्थ सेंटर के चिकित्सक मौके पर पहुंचे और जांच के बाद प्रवीण को मृत घोषित कर दिया। छात्रों का हंगामा देखते हुए आइएसएम प्रबंधन ने तत्काल प्रवीण का शव जालान अस्पताल भिजवाया। यहां निदेशक प्रो.राजीव शेखर, सीनियर सिक्योरिटी इंचार्ज राम मनोहर कुमार की मौजूदगी में दोबारा जांच हुई। चिकित्सकों ने प्रवीण को मृत घोषित कर शव को पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच भेज दिया। आत्महत्या के कारणों का पता अभी तक नहीं लग सका है। हालांकि प्रवीण की मौत की सूचना पाकर हेल्थ सेंटर पहुंचे छात्रों ने संस्थान पर बेवजह दबाव देने का आरोप लगाया।

    छात्रों का कहना था कि प्रवीण की इसी सत्र में पढ़ाई पूरी होने वाली थी, लेकिन बैक लगने की वजह से फेल हो गया। निदेशक के स्तर से दोबारा मौका दिया गया। इसी मानसून सत्र में बैक की दोबारा परीक्षा देने वाला था। छात्रों ने यहां तक कहा कि यह सिर्फ एक प्रवीण की बात नहीं है, लगभग दस फीसद छात्रों का बैक लगा हुआ है। सभी तनाव में हैं। पांच मिनट की देरी पर भी छात्रों को मेल भेज दिया जाता है।

    30 नवंबर तक छात्रों ने सेमेस्टर एग्जाम दिया और एक दिसंबर को कैंपस शुरू हो गया। इंटरव्यू का प्रेशर सभी छात्रों पर पड़ा। अच्छी कंपनियों को कैंपस के लिए स्लाट नहीं दिया जा रहा है। इंटर्नशिप भी इधर-उधर की कंपनियों से करा लिया जाता है। छात्रों की आजादी खत्म की जा रही है। 11 लिटरेरी क्लब आइएसएम में थे। इन सभी को अब एनवीसीटीआइ के अंतर्गत कर दिया गया है। छात्र चाहकर भी कई गतिविधियां नहीं कर पा रहे हैं। छोटी सी गलती पर भी कार्रवाई हो जाती है।

    क्रेडिट कार्ड का हो गया था अधिक बिल

    प्रवीण की आत्महत्या में प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक कारण तो नहीं बताया गया। लेकिन इस बात का अंदेशा जरूर जताया गया कि प्रवीण का क्रेडिट कार्ड का बिल काफी हो चुका था। यह लगभग 50 हजार के आसपास था। प्रबंधन की माने तो यह भी तनाव में जाने का एक कारण हो सकता है।

    छात्रों ने किया हंगामा, 20 मिनट तक क्यों पड़ा रहा शव

    प्रवीण की आत्महत्या की सूचना के बाद बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र हेल्थ सेंटर सामने जमा हो गए। धीरे-धीरे काफी संख्या में छात्र एकत्रित हो गए। छात्रों ने कुछ देर तक हंगामा भी किया। छात्रों का कहना था कि पुलिस की मौजूदगी में शव नहीं उतारा गया। इसके बाद 20 मिनट तक बिना जांच कैंपस में ही शव पड़ा रहा।

    यह भी पढ़ें ः Gumla: सीआरपीएफ के सर्च अभियान में दो रायफल और गोली बरामद, नक्सली भागने में रहा सफल

    comedy show banner
    comedy show banner