Jagran Vimarsh@Jharkhand: शारदा सिंह बोलीं- पूरी दुनिया को चला रही है नारी, वह होगी ही शक्तिशाली
धनबाद में आयोजित जागरण विमर्श में नारी शक्ति पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा कि नारी पूरी दुनिया को चला रही है और वह शक्तिशाली है। कार्यक्रम में मह ...और पढ़ें

स्मार्ट व्यू- पूरी खबर, कम शब्दों में
जागरण संवाददाता, धनबाद। दैनिक जागरण की ओर से बुधवार को झारखंड के विकास विषयक विमर्श का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट जनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने राज्य के समग्र विकास को लेकर अपने विचार रखे। विमर्श के दूसरे सत्र में-नारी सशक्तिकरण: शिक्षा और रोजगार, विषय पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस सत्र में धनबाद विधायक राज सिन्हा, चंदनक्यारी विधायक उमाकांत रजाक, जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह तथा जमुआ विधानसभा क्षेत्र की विधायक मंजू कुमारी बतौर अतिथि उपस्थित रहीं।
धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि आज हर क्षेत्र में नारी सशक्तिकरण स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। नारी से ही सृष्टि का अस्तित्व है। भारतीय परंपरा में नारी को देवी का स्वरूप माना गया है। दुर्गा, काली और लक्ष्मी जैसे अनेक रूपों में उसकी पूजा की जाती रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में महिलाओं को सम्मान, सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण देने के लिए ऐतिहासिक नीतियां लागू की गई हैं। बीते 11 वर्षों में नारी शक्ति के लिए एक समावेशी और सशक्त भविष्य की मजबूत नींव रखी गई है।
चंदनक्यारी विधायक उमाकांत रजाक ने कहा कि आज महिलाएं स्वयं सशक्त हो रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। यदि महिलाओं के विकास में पुरुषों की भागीदारी सही और सकारात्मक तरीके से हो, तो नारी सशक्तिकरण एक स्वाभाविक प्रक्रिया बन जाएगा।
जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह ने कहा कि यदि महिलाएं ठान लें कि समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना है, तो हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़कर सामने आएगी। उन्होंने अपने जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि ग्रामीण परिवेश से आने के बावजूद आज वह धनबाद जैसे बड़े जिले की जिप अध्यक्ष हैं और प्रशासनिक निर्णयों में अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया नारी से चलती है। वह जननी है। वो तो शक्तिशाली होगी ही।
वहीं जमुआ विधायक मंजू कुमारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त करने की सबसे अधिक आवश्यकता है। आज भी बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरत से वंचित हैं। इसके लिए सरकार के साथ-साथ सामाजिक संगठनों और मीडिया को भी महिलाओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

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