Doctor बने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री, मरीजों की जांच कर लिखी दवाओं की पर्ची, धनबाद सदर को मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा
Dhanbad News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी धनबाद में डॉक्टर बने। उन्होंने मरीजों की जांच की और दवाओं की पर्ची लिखी। मंत्री इरफान अंसारी ने ...और पढ़ें

धनबाद सदर अस्पताल में मरीज की जांच करते झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी। (फोटो जागरण)
जागरण संवाददाता, धनबाद। अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा और विवादों में रहने वाले झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी बुधवार को धनबाद में एक नई भूमिका में नजर आए। इस बार वह मंत्री नहीं, बल्कि डॉक्टर के रूप में दिखाई दिए। उन्होंने धनबाद सदर अस्पताल की ओपीडी संभाली और कई मरीजों की जांच कर दवाओं की पर्ची भी लिखी।
दरअसल, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के पास एमबीबीएस की डिग्री है। वह बुधवार दोपहर 1.45 बजे सदर अस्पताल पहुंचे। यहां ओपीडी में स्टेथोस्कोप (आला) मंगवाया और शिशु रोग विभाग में भर्ती एक मरीज की जांच की। इसके बाद जोगता (कतरास) की महिला जाहिदा खातून को बुलाया गया, जिन्होंने बुखार और सर्दी की शिकायत की थी।
डॉ. इरफान अंसारी ने उन्हें सर्दी से बचाव की सलाह दी और पर्ची पर दवाएं लिखीं। इसके बाद 15 वर्षीय शिवम को भी चिकित्सकीय परामर्श दिया। बुजुर्ग जुबैदा को व्हीलचेयर पर ओपीडी में लाया गया, लेकिन उनका इलाज वहां मौजूद अन्य चिकित्सकों ने किया। चार मरीजों को परामर्श देने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ओपीडी से बाहर निकले। उनके साथ सिविल सर्जन डॉ. आलोक विश्वकर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले मंत्री नवनिर्मित कुपोषण उपचार केंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने भर्ती बच्चों को आयुष्मान किट प्रदान की।
शिबू सोरेन के नाम पर बनेगा मेडिकल कॉलेज
इस दाैरान स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि धनबाद सदर अस्पताल परिसर में तीन वर्षों के भीतर मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो जाएगा। यह धनबाद का दूसरा मेडिकल कॉलेज होगा, जिसे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले से संचालित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमारत काफी पुरानी हो चुकी है, जिसे जल्द तोड़कर नई इमारत का निर्माण किया जाएगा।
आयुष्मान योजना में गड़बड़ी पर होगी कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना की आड़ में कुछ निजी अस्पताल दो कमरों के अस्पताल खोलकर इलाज कर रहे हैं। इसी कारण सरकार ने ऐसे अस्पतालों का भुगतान रोका है। मामले की जांच जारी है और दोषियों पर आगे कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य बने 25 वर्ष हो गए, लेकिन अब तक मेडिकल काउंसिल का गठन नहीं हुआ था। रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं होने के कारण समय पर परीक्षाएं नहीं हो पाती थीं। मेडिकल काउंसिल के गठन से डॉक्टरों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। धनबाद को मेडिकल हब बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
मेडिकल छात्रों के लिए बनाई जा रही एसओपी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा रही है। इसके तहत मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को कम से कम पांच वर्षों तक राज्य में सेवा देनी होगी।
उन्होंने एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य सह अधीक्षक डॉ. डी.के. गिंदौरिया से डीन की स्थिति के बारे में पूछा। सकारात्मक जवाब मिलने पर कहा कि अगर कोई छात्र उन्नीस भी आता है, तो उसे पास करा दें। छात्र कड़ी मेहनत से यहां तक पहुंचते हैं। उन्होंने छात्रों को अभिभावक की तरह सलाह भी दी।
एसएनएमएमसीएच में नए उपकरणों का शुभारंभ
एसएनएमएमसीएच में मंत्री ने हड्डी रोग विभाग में नई सी-आर्म मशीन, एनेस्थीसिया स्टेशन और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के सहायक उपकरणों का शुभारंभ किया। उन्होंने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में न्यूरो विभाग के डॉ. राजेश कुमार, ऑन्कोलॉजी के डॉ. अली जैद, डॉ. संदीप कपूर वर्मा तथा नोडल पदाधिकारी डॉ. रवि भूषण को बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया।
इसके बाद मंत्री ने विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया और कॉलेज प्रबंधन के साथ समीक्षात्मक बैठक की। कई बिंदुओं पर सराहना की, तो कुछ मामलों में नाराजगी भी जताई। मौके पर प्राचार्य के साथ वरीय अस्पताल प्रबंधक डॉ. सी.एस. सुमन, डॉ. राजेश कुमार सिंह, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. विनीत पी. तिग्गा सहित अन्य मौजूद थे।

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