रेलवे ने बनाया धांसू प्लान, ट्रेनों में आग की अफवाह से नहीं जाएगी जान; इस तकनीक का होगा इस्तेमाल
झारखंड में ट्रेन की पहियों में लगने वाली आग को रोकने के लिए स्टेशनों पर हॉट बॉक्स डिटेक्टर लगाए जाएंगे। ट्रेन आने का सिग्नल मिलते ही यह सेंसर अलर्ट हो जाएगा और अगर कुछ गड़बड़ी है तो इसकी सूचना एक मिनट में पहुंच जाएगी। ट्रेन में आग की अफवाहों को लेकर कई बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं जिसमें यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
तापस बनर्जी, जागरण संवाददाता, धनबाद। चलती ट्रेन में अचानक हॉट एक्सल कई बार हादसे का कारण बन जाता है। ट्रेन में हल्की सी चिंगारी या धुएं से आग की अफवाह फैलती है।
इन अफवाहों के बाद जान बचाने के लिए यात्री चलती ट्रेन से छलांग देते हैं। पिछले एक साल में ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें कई यात्रियों को जान गंवानी पड़ी।
भविष्य में ऐसा न हो इसकी रोकथाम के लिए रेलवे अब तकनीक की मदद लेगी। ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए हॉट बॉक्स डिटेक्टर लगाए जाएंगे। हॉट बॉक्स डिटेक्टर से बोगियों के पहिए में आग की घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा।
हॉट बॉक्स डिटेक्टर से अचानक हॉट एक्सल के कारण होने वाली दुर्घटना से और ट्रेनों को विलंब होने से भी रोका जा सकेगा। धनबाद रेल मंडल में इस वित्तीय वर्ष के दौरान धनबाद-गया रेल मार्ग के परसाबाद तथा कोडरमा से बरकाकाना रेल मार्ग के पदमा स्टेशन पर हॉट बॉक्स डिटेक्टर लगाए गए हैं।
क्या है हॉट एक्सल
ट्रेनों के पहिए के निरंतर गतिशीलता के कारण कभी-कभी बाल बीयरिंग विफल होता है। इससे पहिए (एक्सल) के तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है, जिसे हॉट एक्सल के रूप में जाना जाता है। ओवरलोडिंग, बीयरिंग की दोषपूर्ण स्थिति या अन्य तकनीकी कारणों से हॉट एक्सल हो सकता है।
ऐसे काम करता है हॉट बॉक्स डिटेक्टर
स्टेशन के आउटर पर हॉट बॉक्स डिटेक्टर का सेंसर ट्रेन आने का सिग्नल आते ही अलर्ट हो जाएगा। इससे निकलने वाले लेजर से ट्रेनों के पहिए की निगरानी की जा सकेगी।
ट्रैक के किनारे लगने वाला उपकरण हॉट एक्सल या ब्रेक जाम होने की स्थिति में उसे भांप लेगा और रेलवे कंट्रोल को तुरंत इसकी ऑटोमेटिक सूचना मिल जाएगी।
पहिए के तापमान की स्थिति और अन्य तकनीकी जानकारियां भी रिकॉर्ड हो जाएगी। साथ ही नजदीकी स्टेशन पर लगे सिस्टम में भी समस्त सूचनाएं पहुंच जाएंगी। संबंधित विभाग के कर्मचारियों के मोबाइल पर भी अलर्ट मैसेज जाएगा। इससे समय रहते ही कर्मचारी गड़बड़ी को ठीक कर सकेंगे।
130 की गति से चलने वाली ट्रेन के पहिए का तापमान मापने में सक्षम
हॉट बॉक्स डिटेक्टर 130 की गति से चलने वाली ट्रेन के पहिए का तापमान मापने में सक्षम है। इसकी मदद से ट्रेन के गुजरने के एक मिनट के अंदर ट्रेन के प्रकार, गति, पहिए के तापमान में अंतर का डाटा स्टोर कर लिया सकता है।
दो प्रॉक्सिमिटी सेंसर, दो इंफ्रा रेड सेंसर व एक एचएबीडी बॉक्स से मिलकर बना है। प्रॉक्सीमिटी सेंसर ट्रेनों की गति, दिशा और लोड के प्रकार को बताता है, जबकि इंफ्रा रेड सेंसर पहिए पर फोकस कर तापमान का मापता है।
सारे संकेत हॉट एक्सल एवं हॉट बॉक्स डिटेक्टर को भेज देता है, जहां से इस मशीन के सॉफ्टवेयर में अंकित मोबाइल नंबरों पर सूचना पहुंच जाती है।
पिछले एक साल में आग की अफवाह से हुई दुर्घटनाएं
22 जनवरी को घटी थी घटना
22 जनवरी को पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह फैलने से कई यात्री नीचे कूद गये थे। इस हादसे में कई लोग जख्मी हुए तो कई यात्रियों को जान भी गंवानी पड़ी।
14 जून को हुई थी घटना
पिछले वर्ष 14 जून को धनबाद रेल मंडल के लातेहार कुमंडी स्टेशन के पास रांची-सासाराम एक्सप्रेस में आग की अफवाह से कई यात्री चलती ट्रेन से कूद गए थे। हादसे में दो यात्रियों की मौत हो गई थी।
24 फरवरी को घटी थी घटना
पिछले साल 24 फरवरी को जामताड़ा के कालाझरिया के पास भागलपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस में आग की अफवाह से चलती ट्रेन से यात्रियों ने छलांग दी थी। हादसे में दो यात्रियों की जान चली गई थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए हॉट बॉक्स डिटेक्टर लगाए गए हैं। इससे यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ियों में आने वाली खराबी का पूर्वानुमान मिल जाने से परिचालन में संभावित अवरोधों को कम कर रेल यातायात सुचारु रखने में मदद मिल रही है। अन्य महत्वपूर्ण स्टेशन पर भी लगाए जाएंगे। - चंद्रशेखर प्रसाद, सीनीयर डीएमई (डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर)
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