कब्र से एक के बाद एक गायब हुई 6 लाशें, इलाके में दहशत का माहौल; नजारा देख पुलिस भी रह गई हैरान
गोमो के बिशुनपुर श्मशान घाट से छह शव गायब होने से सनसनी फैल गई है। कब्रों को खोदकर शवों के गायब होने की खबर से इलाके में दहशत है। हरिहरपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है। तीन शवों की पहचान उनके परिजनों ने की है। पुलिस विभिन्न कोणों से जांच कर रही है और ग्रामीणों में भय का माहौल है।
संवाद सहयोगी, गोमो। कब्र को खोदकर आधा दर्जन शव गायब होने की चर्चा पूरे इलाके में फैलने से दहशत का माहौल है। मामला तोपचांची प्रखंड के बिशुनपुर श्मशान घाट का है।
आस-पास इलाके के लोग श्मशान घाट पहुंचने लगे, जहां कब्र की स्थिति देख लोग हतप्रभ रह गए। कब्र में दफनाए गए शव को पहचान करने के लिए तीन स्वजन श्मशान घाट पहुंचें, जहां कब्र में शव नहीं होने से लोग आगबबूला हो गए।
जांच में जुटी पुलिस
मामले की जानकारी हरिहरपुर थाना की पुलिस को दी गई। थाना के सब इंस्पेक्टर नारायण यादव दल बल के साथ पहुंचकर जांच पड़ताल में जुट गये।
पुलिस ने भी शव गायब होने की बात सही मानी है। कब्र से शव गायब होने से कई तरह की सवाल सामने आ रही है। उक्त श्मशान घाट से पहली बार कब्र से शव गायब होने का मामला सामने आया है।
श्मशान घाट से महज कुछ ही दूरी स्थित जीतपुर गांव है। यहां के अधिकांश महिला पुरुष और बच्चे श्मशान घाट के दस कदम की दूरी पर स्नान किया करते है, घटना के बाद से महिलाएं भी दहशत में हैं।
खोदे गए 6 कब्र
6 कब्र खोदे गए हैं, जिसमें से तीन शव कों स्वजनों ने पहुंचकर पहचान किया। 27 नवंबर 2024 को बिशुनपुर पंचायत के सेवानृवित रेलकर्मी बुधराम प्रसाद का शव दफनाया गया था। जिसकी पहचान उसके पुत्र सत्येंद्र प्रसाद उर्फ सत्तू ने किया।
26 जनवरी 2025 को बिशुनपुर गांव के भोला राम की मां को दफनाया गया था, जिसकी पहचान छोटे पुत्र विष्णु राम ने किया। 27 दिसंबर 2024 को बिशुनपुर के मोहन राम की मां को दफन किया गया था। जिसकी पहचान मोहन राम तथा भाई मुन्ना ने किया। अन्य तीन शव के स्वजन अबतक सामने नहीं आए हैं।
काफी खराब है रास्ता
श्मशान घाट जाने का रास्ता काफी खराब है, उक्त रास्ते से चार चक्का पहिया का निशान जर्जर सड़क पर देखा गया है, जिससे संभावना जताई जा रही है कि सभी शव का अवशेष उठाकर वाहन के माध्यम से ले गए होंगे।
हालांकि, पुलिस उस पर भी जांच कर रही है। जिस स्थान पर श्मशान घाट है, वह स्थान बोकारो जिला का सीमा है। शव का अवशेष किस काम में उपयोग होगा, इसके लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे। कई ग्रामीणों ने यह भी आशंका जताई कि कहीं तांत्रिक के द्वारा इस तरह का कृत्य नहीं किया गया।
आ रही दुर्गंध
जानवरों के भय से शव को दफन करने के लिए काफी गड्ढा किया जाता है, ताकि शव को जानवर निकाल न सके। इसके लिए शव को मिट्टी के बाद बड़े बड़े पत्थर डाल दिया जाता है, लेकिन कब्र से सारा पत्थर भी बाहर निकला हुआ है। गड्डे के समीप काफी दुर्गंध आ रही थी।
यह घटना पहली बार देखा है। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम घटना स्थल पहुंच कर जांच पड़ताल कर रही है। इस तरह का काम जो भी किया होगा, गलत है, इसे क्या करेगा समझ नहीं आ रहा। - राहुल कुमार झा, थानेदार, हरिहरपुर
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