JMM अध्यक्ष शिबू के सहयोगी पूर्व विधायक हारू का निधन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मर्माहत
हारू रजवार अपने नाम एवं स्वभाव के कारण भी चुनाव जीतते थे। उनका एक मशहूर डायलॉग सभी की जुबां पर आज भी है। बाबू आमी जितले हारू आर हारले हारू...। इसका मतलब भी समझाते थे कहते थे कि जीत पर उन्हें गुमान नहीं हुआ और हार पर कभी दुख नहीं।
बोकारो, जेएनएन। चंदनकियारी के पूर्व विधायक व झामुमो नेता हारू रजवार का बुधवार तड़के चार बजे धनबाद के असर्फी अस्पताल में निधन हो गया। तबीयत खराब होने के बाद 17 मई की रात्रि में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बोकारो जिले के चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र के तीन बार के विधायक रहे हारू अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। पुत्र पंचू रजवार ने बताया कि बीते कुछ दिनोंं से पिता की तबीयत खराब चल रही थी। बुखार आने पर दवा दी जा रही थी। ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। यहां चेस्ट सिटी में पता चला कि कोरोना का संक्रमण है। साथ ही फेफड़े में संक्रमण बढ़ गया है। बुधवार तड़के 3 बजकर 37 मिनट पर निधन हो गया। पूर्व विधायक के निधन से पूरे चंदनकियारी में शोक व्याप्त है। मुख्यंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट कर रजवार को अभिभावक बताते हुए शोक जताया है।
झामुमो परिवार में अभिभावक समान, पूर्व विधायक श्री हारू रजवार जी के निधन की सूचना सुन मर्माहत हूँ।
हारू दा का यूँ चले जाना मेरे और हमारे दल के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति, एवं परिजनों व हम सब को इस दु:ख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ। pic.twitter.com/crlNarhN8y— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 19, 2021
चंदनकियारी में हारू का डायलॉग है मशहूर
पूर्व विधायक हारू रजवार अपने नाम एवं स्वभाव के कारण भी चुनाव जीतते रहे थे। हारू का एक मशहूर डायलॉग सभी की जुबां पर आज भी है ..बाबू आमी जितले हारू आर हारले हारू...। इसका मतलब भी समझाते थे कहते थे कि जीत पर उन्हें गुमान नहीं हुआ और हार पर कभी दुख नहीं। चूंकि उनका चुनाव जनता ही लड़ती थी। जब झारखंड आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाते थे उस वक्त भी घर का काम करने के बाद समर में जाते थे। चंदनकियारी के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र बड़ाजोर के झांकटांड़ टोला निवासी बनमाली रजवार के पुत्र हारू रजवार साक्षर थे। परन्तु राजनीतिक परिभाषा भली भांति जानते थे। वे कहते हैं आगू घारें बाबू, तबे बाहरे बाबू यानि घर-परिवार के लोग अच्छे बोलेंगे तो बाहर के लोग भी अच्छे बोलेंगे। हारू ने अपनी राजनीति मजदूर नेता एके राय के साथ प्रारंभ किया। झारखंड आंदोलन के दाैरान झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के सहयोगी रहे। सोरेन हमेशा हारू रजवार को सम्मान देते थे। इनके दो पुत्र पंचू रजवार और भागीरथ कपरदार हैं।
झामुमो नेताओं ने जताया शोक
पूर्व विधायक हारू रजवार के निधन पर झामुमो नेताओं ने शोक प्रकट किया है। बोकारो जिलाध्यक्ष हीरालाल मांझी ने कहा कि हारू चाचा जैसे कोई नहीं हो सकता है। पार्टी संगठन के साथ उनका व्यक्तिगत क्षति हुई है। वे हम सभी के अभिभावक थे। नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने भी हारू रजवार के निधन पर शोक प्रकट किया है। कहा है कि यह दल के साथ , बोकारो व झारखंड के लिए क्षति हैं। हारू रजवार सबसे अलग व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उनका छोड़ जाना हम सभी को हमेशा खलेगा। उनके अलावा आलोक सिंह, महेश मुंडा, कन्हैया सिंह सहित अन्य ने भी गहरा दुख प्रकट किया है।
तीन बार के विधायक रहे
- 1980 : हारू रजवार : जीते
- 1985 : हारू रजवार :हारे
- 1990 :हारू रजवार : हारे
- 1995 :हारू रजवार : हारे
- 2000 : हारू रजवार: जीते
- 2005 : हारू रजवार : जीते
- 2009 : हारू रजवार : हारे
- 2014 : हारू रजवार : हारे
हारू दा अभिभावक थे, राजनीतिक सूचिता एवं स्वच्छ राजनीति करने वाले हारू रजवार के निधन से गहरी पीड़ा हुई है। एक अच्छे व्यक्तित्व को चंदनकियारी व झारखंड ने खो दिया है। मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ईश्वर उन्हें दुख सहने की क्षमता प्रदान करे।
-बिरंची नारायण, मुख्य सचेतक विरोधी दल
हारू रजवार के निधन के साथ चंदनकियारी ने अपना एक नेता खो दिया है। हारू रजवार दल व जात-पात से ऊपर के व्यक्ति थे। उन्होंने आज तक कभी किसी विरोधी के बारे में भी कभी बूरा नहीं सोचा। जब भी जरूरत होती थी तो उनसे मिलने पर कई सारी बातें हुआ करती थी। उनके निधन से चंदनकियारी व झारखंड को अपूरणीय क्षति हुई है।
-अमर कुमार बाउरी, विधायक चंदनकियारी
हारू रजवार के निधन से गहरा धक्का लगा है। वे किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि से अधिक वे सामाजिक व्यक्ति तो थे ही । हम सभी के प्रेरणास्रोत थे। उनका असाधारण व्यक्तित्व ही हम सभी से उनको अलग करता है। उनके निधन पर गहरा दुख हुआ है। ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों को दुख सहने की क्षमता प्रदान करे।
-उमाकांत रजक , पूर्व विधायक