टुंडी के इस परिवार में दो नन्हे मेहमानों का आगमन, दूर से रखवाली कर रहे वन विभाग के मशालची
टुंडी पहाड़ में पिछले 27 दिनों से 25 हाथियों का झुंड ठहरा हुआ है। इनमें दो हथिनियों ने दो बच्चे को जन्म दिया। ग्रामीणों ने बताया कि सूखी लकड़ी चुनने के दौरान उन्होंने दो मादा हाथियों को उनके नन्हें करभ (बच्चे) के साथ देखा।

जागरण संवाददाता, टुंडी। टुंडी पहाड़ में पिछले 27 दिनों से 25 हाथियों का झुंड ठहरा हुआ है। इनमें दो हथिनियों ने दो बच्चे को जन्म दिया। इस बात की पुष्टि तिलयबेड़ा एवं डोंगापानी गांव के ग्रामीणों ने की है। ग्रामीणों ने बताया कि सूखी लकड़ी चुनने के दौरान उन्होंने दो मादा हाथियों को उनके नन्हें करभ (बच्चे) के साथ देखा। उनकी आहट मिलने पर हाथियों ने बच्चे को घेर लिया और चिंघारने लगे। बच्चों के जन्म लेने की पुष्टि टुंडी वन विभाग के वनक्षेत्र पदाधिकारी बिनोद कुमार ठाकुर ने भी की है।
उन्होंने बताया कि हमें इस बात की खुशी है कि जनजातीय समुदाय के साल भर के मुख्य त्योहार सोहराय में हाथियों के झुंड का कोई हलचल नहीं रहा। हाथियों का झुंड लगातार जिस तरह से कुछ स्थानों पर सीमित है, ऐसा लग रहा है कि झुंड में कुछ हथिनी और गर्भवती थी। वह किसी दिन बच्चे को जन्म दे सकती थी। इसलिए हाथियों का मूवमेंट नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जहां झुंड डेरा डाले हुए है, वहां उनके खाने-पीने की तमाम सुविधाएं उपलब्ध है। वहां मानव आवाजाही न के बराबर है। दो बच्चों के जन्म की पुष्टि मशालचियों ने भी की है। हाथियों के झुंड पर 14 प्रशिक्षित मशालची कर रहे हैं।
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