ईडी ने लिया वीरेंद्र राम की आवाज का नमूना, अब इसकी होगी फोरेंसिक जांच, कराया जाएगा कॉल रिकॉर्डिंग से मिलान
झारखंड में ग्रामीण कृषि विभाग के भ्रष्ट चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की आवाज का नमूना लिया जाएगा ताकि यह साबित किया जा सके तमाम नेता मंत्रियों व नौकरशाहों से हुई उनकी बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग में आवाज उनकी ही है यह स्पष्ट साबित किया जा सके।

राज्य ब्यूरो, रांची। सवा सौ करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित करने वाले ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के विरुद्ध मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने अब वीरेंद्र राम की आवाज का नमूना लिया है। उक्त नमूने को फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा, जहां पूर्व में मोबाइल पर वीरेंद्र राम की बातचीत की रिकार्डिंग, ईडी के इंटरसेप्शन के दौरान रिकार्ड किए गए काॅल का मिलान किया जाएगा। यह कोर्ट में पुख्ता सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा।
कई नेता-मंत्रियों संग वीरेंद्र की बातचीत होने का खुलासा
ईडी के सूत्रों के अनुसार, वीरेंद्र राम ने मौखिक तौर पर अपने काल रिकार्डिंग को तो स्वीकार कर लिया है, लेकिन उसे वैज्ञानिक तरीके से भी एक पुख्ता दस्तावेज के तौर पर ईडी कोर्ट में प्रस्तुत करेगी ताकि वीरेंद्र राम के विरुद्ध ठोस कार्रवाई कराई जा सके। ईडी के अनुसंधान में वीरेंद्र राम की दर्जनभर से अधिक विधायकों, नेताओं से बातचीत व एक दर्जनभर से अधिक नौकरशाहों से बातचीत के खुलासे हुए हैं।
कमीशन के बदले वीरेंद्र टेंडर देने की करते थे बात
आवाज की जांच के बाद ऐसे विधायकों व नौकरशाहों से भी पूछताछ का रास्ता साफ हो जाएगा। बहुत जल्द विधायकों व नौकरशाहों को भी ईडी समन करेगी ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। वीरेंद्र राम का एक वरिष्ठ अधिकारी से बातचीत का आडियो सामने आया है, जिसमें वह अधिकारी कह रहा है कि जो पांच प्रतिशत कमीशन नहीं देगा, उसे टेंडर नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि मनी लांड्रिंग में गिरफ्तार वीरेंद्र राम आगामी चार मार्च तक ईडी की रिमांड पर हैं। ईडी के अधिकारी हर दिन ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
पद से निलंबित किए गए वीरेंद्र
इस बीच बीते सोमवार को झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग ने सोमवार देर रात एक अधिसूचना जारी कर वीरेंद्र राम को अगले आदेश तक निलंबित किए जाने की बात कही। इसमें कहा गया कि चूंकि वीरेंद्र राम इस वक्त ईडी की हिरासत में है इसलिए उन्हें निलंबित किए जाने का फैसला लिया जाता है। हालांकि, निलंबन की इस अवधि में झारखंड सरकारी सेवक के तहत उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा। हिरासत से रिहा होने के बाद वह सेवा में दोबारा से अपना योगदान दे सकेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।