Coal Bonus 2025: कोल कर्मियों के लिए खुशखबरी, 312 दिन की हाजिरी पर मिलेगी फुल बोनस की राशि
धनबाद में कोल कर्मियों के बोनस का निर्धारण आज होगा। 312 दिन की उपस्थिति वालों को पूरा बोनस मिलेगा जो 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक की उपस्थिति पर आधारित होगा। बर्खास्त कर्मियों को लाभ नहीं मिलेगा और गंभीर आरोपों वाले कर्मियों पर प्रबंधन विचार करेगा। इंटक बोनस बैठक में शामिल होगा जिसे श्रमिकों की जीत बताया जा रहा है।

आशीष अंबष्ठ, धनबाद। कोयला कर्मियों के बोनस (परफॉर्मेंस लिंक रिवॉर्ड) की राशि क्या होगी यह तो गुरुवार को तय हो जाएगा। कंपनी के नियम के अनुसार, 312 दिन की हाजिरी पर कर्मियों को फुल बोनस (यानी जो राशि तय होगी, वह पूरी रकम) मिलेगा। इस आधार पर इस बार एक अप्रैल 2024 से लेकर 31 मार्च 2025 तक कर्मियों की उपस्थिति के डेटा के आधार पर राशि तय होगी।
इसके साथ ही इस दौरान जो भी कंपनी के रोल में थे, उन्हें बोनस मिलेगा। बोनस की राशि वित्त वर्ष के आधार पर तय की जाती है। हर एरिया इस स्तर पर काम करने में जुट भी गया है।
बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल ने इस संबंध में एरिया प्रबंधन को पूरी तैयारी करने का आदेश मौखिक रूप से दे दिया है।
कोल इंडिया में 312 दिन की उपस्थिति पर ही कर्मचारियों को घोषित बोनस की पूरी राशि का भुगतान किया जाता है। अगर किसी कर्मचारी की हाजिरी 312 दिन से कम होती है, तो उसे मिलने वाली बोनस राशि में कटौती कर दी जाती है।
कंपनी से बर्खास्त कर्मी को नहीं मिलेगा लाभ:
कोल इंडिया में उन कर्मियों को बोनस को लाभ नहीं मिलेगा, जो कंपनी से विजिलेंस सहित अन्य मामलों को लेकर बर्खास्त कर दिए गए है। उन्हें इस लाभ से वंचित रहना होगा। इसके साथ ही कंपनी नियम के तहत जिन पर गंंभीर आरोप और जांच चल रही है। उनका भी बोनस पर प्रबंधन विचार करेगी। इसके बाद ही भुगतान संभव होगा।
बीएमएस की साजिश आई सामने, श्रमिकों को मिली जीत: फेडरेशन
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन जेबीसीसीआई 11 की मानकीकरण समिति में इंटक सम्मिलित रहेगा। फेडरेशन के महासचिव व जेबीसीसीआई सदस्य व विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह व पूर्व एमलीएस एसक्यू जमा ने संयुक्त रूप से कहा कि भारतीय मजदूर संघ की साजिश नाकाम हो गई। भाजपा सरकार के इशारे पर काम करने वाले का चेहेरा सामने आ गया है। कोलकाता उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया है कि इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) बोनस की बैठक में शामिल होगा।
इंटक नेता ने अन्य श्रमिक संगठनों का आभार जताया, जो इस मुद्दे को लेकर सच्चाई के साथ खड़े रहे। जमा ने कहा कि उन साथियों के लिए भी सोचने का वक्त है, जो सालों तक साथ रहे और जिन्होंने बुरे वक्त पर इंटक का साथ छोड़ दिया।
इधर, फेडरेशन के उपाध्यक्ष व इंटक के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ ने कहा सच हमेशा सच ही होता। श्रमिकों की जीत हुई है। इंटक हमेशा श्रमिक हित की बात करता है। कुछ संगठन व्यक्ति स्वार्थ में लगे थे। जिससे पर्दा उठ गया। इस को लेकर फेडरेशन के उपाध्यक्ष व आरसीएमयू के महासचिव ने कहा कि यह मजदूरों की जीत है।
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