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    रेलवे बोनस में अधिकतम 17951 रुपए देगी, 78 दिन के हिसाब से केंद्र के खर्च होंगे 1865.68 करोड़

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 05:14 PM (IST)

    रेल मंत्रालय ने कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की है जिससे कर्मचारियों में खुशी है लेकिन यूनियन नेता नाखुश हैं। केंद्र सरकार ने 1091146 रेल कर्मचारियों के लिए 1865.68 करोड़ रुपये के बोनस को मंजूरी दी है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी को अधिकतम 17951 रुपये मिलेंगे। यूनियन नेता बोनस की सीलिंग को लेकर नाराज हैं क्योंकि वे इसे 40 हजार रुपये तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

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    रेलवे बोनस में अधिकतम 17951 रुपए देगी, 78 दिन के हिसाब से केंद्र के खर्च होंगे 1865.68 करोड़

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। दुर्गा पूजा के मौके पर रेल मंत्रालय ने रेल कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की है। रेल मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि बोनस की इस घोषणा से कर्मचारियों में हर्ष का माहौल है, जबकि यूनियन नेताओं ने इस पर नाराजगी जाहिर की है।

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    रेल मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूरे भारतवर्ष में आने वाले उत्सवों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को रेलकर्मियों के लिए बोनस की घोषणा की है।

    इस बार पूरे देश में कार्यरत 10,91,146 रेल कर्मचारियों के लिए कुल 1865.68 करोड़ रुपए बोनस के रूप में केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है। इस बार रेलकर्मियों को कुल 78 दिन का बोनस मिलेगा, जिसके तहत उन्हें अधिकतम प्रति व्यक्ति 17,951 रुपए बोनस के रूप में मिलेंगे।

    वर्ष 2024-25 में रेलवे ने अपने प्रदर्शन में आशातीत सफलता पाई, जिसके तहत उसने 1614.90 मिलियन टन माल की ढुलाई की और लगभग 7.3 बिलियन पैसेंजरों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया। इसके आधार पर रेल कर्मचारियों को बोनस की राशि स्वीकृत की गई है।

    ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, प्वाइंट्समैन, ऑफिस कर्मचारी और अन्य ग्रुप 'सी' कर्मचारियों को बोनस की राशि दी जाएगी।

    बोनस की राशि को लेकर यूनियन में नाराजगी

    बोनस को लेकर यूनियन में नाराजगी है। यूनियन नेताओं का कहना है कि रेलवे में बोनस के लिए 18 हजार रुपये की सीलिंग है। यह सीलिंग लगभग 14 साल पहले लगाई गई थी। इतने समय के बाद से कर्मचारियों को सातवां वेतनमान लागू हो गया है और आठवें वेतनमान की सिफारिश भी हो चुकी है। इसके बावजूद कर्मचारियों के लिए इसी सीलिंग के तहत बोनस दिया जा रहा है।

    यूनियन विगत पांच वर्षों से बोनस की सीलिंग को बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने की मांग कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार बिना किसी वार्ता के एकतरफा बोनस की राशि घोषित कर रही है।