छात्राओं से शर्ट उतरवाने के मामले में आया नया मोड़, CCTV की जांच; एक्शन और हुआ समझौता, प्रिंसिपल बोलीं- मुझे खेद
Dhanbad News धनबाद के डिगवाडीह के कार्मल स्कूल में 10वीं की छात्राओं के शर्ट उतरवाने के मामले में प्राचार्या देवश्री ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि उनका मंशा किसी को अपमानित करने का नहीं था। इस मामले में पीड़ित छात्राओं और उनके अभिभावकों के साथ स्कूल प्रबंधन के बीच समझौता हो गया है। दोनों पक्षों ने भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति नहीं होने का आश्वासन दिया है।

संवाद सूत्र, अलकडीहा (धनबाद)। Dhanbad News: कार्मल स्कूल डिगवाडीह में पिछले दिनों 10वीं की छात्राओं के शर्ट उतरवाने के मामले में प्राचार्या देवश्री ने घटना को लिए खेद प्रकट करते हुए कही कि उनका मंशा किसी को अपमानित करने को नहीं था।
दोनों पक्ष में हो गया समझौता
पीड़ित छात्राओं उसके अभिभावकों संग स्कूल प्रबंधन के बीच समझौता हो गई है। दोनों पक्षों ने सहमति जताते हुए भविष्य में ऐसे घटना की पुनरावृति नहीं होने का आश्वासन दिया। मौके पर पूर्व प्राचार्या सिस्टर सिल्वी एवं अभिभावक मौजूद थे।
मामले की जांच कर रहे एसडीएम राजेश कुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के बाद उसमें किसी भी तरह का आपत्तिजनक प्रमाण नहीं मिला है। स्कूल प्रबंधन और अभिभावक पक्ष के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में समझौता हो गया है। जांच की रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जाएगी।
अभिभावक बोले-मामले का राजनीतिकरण नहीं करें
परिषद कार्यकर्ताओं के हंगामे के कारण कई अभिभावकों की उनसे बहस हो गई। कार्यकर्ताओं और महिला अभिभावकों के बीच हाथापाई होने की नौबत आ गई। अभिभावकों का नेतृत्व कर रही सोमा गोराई ने कहा कि प्रकरण की जिला प्रशासन सहित स्कूल प्रबंधन कमेटी व कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। उनकी रिपोर्ट का सब इंतजार करें। मामले का राजनीतिकरण कर बच्चियों की छवि धूमिल न करें।
छात्राओं ने क्यों मचाया बवाल?
जानकारी के मुताबिक, कार्मेल स्कूल में 10वीं की छात्राओं ने गुरुवार को पेन डे मनाया था। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने एक-दूसरे की शर्ट पर बधाई संदेश, मन के भाव व परीक्षा परिणाम के लिए बेस्ट ऑफ लक लिखा।
इसे स्कूल प्रबंधन ने अनुशासनहीनता करार दिया। आरोप है कि छात्रों तथा छात्राओं की शर्ट उतरवा दी गई और उन्हें ब्लेजर पहनने के लिए कहा गया।
घर पहुंचने पर जब छात्राओं ने अभिभावकों को जानकारी दी तो वे भड़क गए। उन्होंने इसे शर्मनाक करार दिया। इसके बाद अभिभावकों ने शनिवार को धनबाद की उपायुक्त माधवी मिश्रा से अभिभावकों ने शिकायत की।
झरिया विधायक रागिनी सिंह ने भी उपायुक्त को इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की। शनिवार को उपायुक्त के निर्देश पर एसडीएम राजेश कुमार व डीईओ निशु कुमारी जांच के लिए स्कूल पहुंचे थे। प्रकरण की प्रशासनिक जांच की जा रही है।
झरिया विधायक रागिनी सिंह के साथ अभिभावक (जागरण)
सारी प्रक्रिया और बयान की वीडियो रिकार्डिंग
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने बताया कि टीम ने स्कूल की 10वीं व 11वीं कक्षा की छात्राओं, स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों का बयान लिया है।
सारी प्रक्रिया एवं बयान की वीडियो रिकार्डिंग की गई है। सीसीटीवी फुटेज देखे गए। टीम जांच रिपोर्ट झालसा को भेजेगी। झालसा का जैसा निर्देश होगा, वैसी ही आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
टीम में अवर न्यायाधीश सह सचिव डालसा राकेश रोशन, एसडीएम राजेश कुमार, डीएसडब्ल्यू अनीता कुजूर, डीईओ निशु कुमारी, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी, डीसीपीओ साधना कुमारी, सिंदरी सीडीपीओ, जोड़ापोखर थाना प्रभारी हैं।
इसके अलावा टेक्निकल सेल, एलएडीसीएस चीफ कुमार विमलेंदु, डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, असिस्टेंट मुस्कान चोपड़ा, डालसा सहायक अरुण कुमार, राजेश सिंह, थाना पीएलबी रविन्द्र शर्मा शामिल थे।
भारतीय जनता युवा मोर्चा ने किया प्रदर्शन
भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से रणधीर वर्मा चौक पर कार्मल डिगवाडीह स्कूल प्रबंधन का पुतला दहन किया गया। विधायक राज सिन्हा ने कहा कि कार्मल डिगवाडीह में 10वीं की छात्राओं के साथ स्कूल के प्रिंसिपल का अनुशासन के नाम पर किया गया कुकृत्य अमानवीय है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा ने किया प्रदर्शन
आसनसोल में गूंजा शर्ट उतरवाने का मुद्दा
आसनसोल में कार्मल स्कूल डिगवाडीह की 10वीं की छात्राओं का शर्ट उतरवाने का मुद्दा जोरदार तरीके से गूंजा। आसनसोल में ब्यूटी पेजेंट का आयोजन हो रहा था। इसमें बंगाल और झारखंड के प्रतिभागी थे। कार्मल की पूर्व छात्र प्रीति पूजा ने बतौर मुख्य अतिथि यह मुद्दा उठाया।
एनएसयूआई ने सोमवार को किया प्रदर्शन
एनएसयूआई ने सोमवार को कार्मल स्कूल प्रकरण में राजरंजन सिंह के नेतृत्व में रणधीर वर्मा चौक पर कार्मल स्कूल प्रबंधन का पुतला फूंका। उन्होंने प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की। जो भी दोषी हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा हो। एनएसयूआइ ने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
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