Dhanbad News: 3 सालों में वन भूमि पर अतिक्रमण के 180 मामले, 32 एकड़ भूमि खाली करने का आदेश पारित
धनबाद वन प्रमंडल वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए सक्रिय है। पिछले तीन वर्षों में 180 मामलों में फैसले दिए गए हैं जिनमें 32 एकड़ भूमि खाली करने के आदेश जारी किए गए। इनमें से 15 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है। वन विभाग ने अतिक्रमित भूमि पर वृक्षारोपण कर हरियाली बढ़ाने का भी काम किया है।

राकेश कुमार महतो, धनबाद। जिले की वन भूमि पर कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारियों की अब खैर नहीं है। धनबाद वन प्रमंडल लगातार वन भूमि के अतिक्रमण हटाने की मुहिम में लगा हुआ है। पिछले तीन वर्ष में वन प्रमंडल ने अतिक्रमण के कुल 180 मामलों में आदेश पारित कर दिया है। इनमें से कई मामले तो ढाई दशक पुराने भी हैं।
वन प्रमंडल ने वन भूमि के अतिक्रमण को हटाने के साथ ही उसपर वृक्षारोपण कर हरियाली के दायरे को बढ़ाने का काम किया है। वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास पालीवाल ने बताया कि तीन साल में सरकारी वन भूमि पर अतिक्रमण के 180 मामले का निपटान कर आदेश पारित किया जा चुका है।
जिले के 10 प्रखंडों में 32 एकड़ भूमि खाली करने का आदेश पारित किया गया है। मुख्य रूप से टुंडी, पूर्वी टुंडी, निरसा, झरिया, तोपचांची, सुंदर पहाड़ी, माड़ीडीह, सुरंगा आदि जगहों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर वन विभाग की विशेष नजर है। हालांकि, जिले में करीब 19 हजार हेक्टेयर वन भूमि में से कितने भूमि पर अतिक्रमण है, वन प्रमंडल इसका अध्ययन कराने व रिपोर्ट बनाने में जुटा है।
वन भूमि पर खेती से लेकर बना लिए थे मकान
डीएफओ विकास पालीवाल ने बताया कि जिले के विभिन्न वन क्षेत्रों में अतिक्रमणकारियों ने खेती करने से लेकर घर का भी निर्माण करा डाला था, लेकिन धनबाद वन प्रमंडल ने कब्जे वाली वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए उस जगह पर पौधे लगाने के अलावा हरियाली बढ़ाने के लिए नर्सरी की स्थापना की।
डीएफओ ने कहा कि वन विभाग ने अतिक्रमण हटाने के अभियान में कई वैसे अतिक्रमण को हटाने में सफलता पाई है जहां 24 वर्षों से कब्जा था।
32 एकड़ भूमि में खाली कराया 15 एकड़
जिले के 10 प्रखंड में वन विभाग की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है। इसमें विभाग की ओर से विभिन्न प्रखंडों में 32 एकड़ भूमि खाली करने का आदेश पारित किया गया है। इसमें विभाग ने वहां के सीओ व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 15 एकड़ खाली कराकर अपने कब्जे में ले लिया है। बाकी 17 एकड वन भूमि को भी कब्जे में लेने के आदेश पारित हो चुके हैं।
तोपचांची में 20 वर्षों से अतिक्रमित वन भूमि कब्जे से मुक्त
जिले के विभिन्न प्रखंडों में कहीं वर्ष 2001 से तो कहीं 2005, 2008, 2009 से विभाग की भूमि पर अतिक्रमण था। तोपचांची के डोमनपुर में वन विभाग की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। तोपचांची की यह वन भूमि 20 वर्षों से कब्जे में थी जिसे वन प्रमंडल ने मुक्त कराया है। इसके अलावा निरसा, टुंडी, पूर्वी टुंडी आदि जगहों की वर्षों से अतिक्रमित वन भूमि भी मुक्त कराई गई है।
वन प्रमंडल विभाग गत तीन वर्षों में अभियान चलाकर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है। 180 मामलों में 32 एकड़ भूमि खाली करने का आदेश जारी किया गया था। इसमें 15 एकड़ खाली कराई गई हैं। बाकी भूमि भी जल्द अतिक्रमण मुक्त होगी। - विकास पालीवाल, वन प्रमंडल पदाधिकारी

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