Neeraj Singh Murder Case: हाईकोर्ट में रिजेक्ट होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी सबकी निगाहें
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बीआर गवई एवं न्यायाधीश पीएस नरसिंहा के पीठ में संजीव सिंह द्वारा दायर की गई एसएलपी पर सुनवाई होगी। सुप्रीम अदालत के कॉज लिस्ट के कॉलम 24 में मामला सुनवाई के लिए लिस्टेड किया गया है।

जागरण संवाददाता, धनबाद : नीरज हत्याकांड के चश्मदीद गवाह आदित्य राज व पूर्व डिप्टी मेयर एक्लव्य सिंह को प्रति परीक्षण के लिए फिर से बुलाए जाने के बिंदु पर पूर्व विधायक संजीव सिंह की एसएलपी पर कल (शुक्रवार) को सुप्रीम सुनवाई होगी। संजीव सिंह के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बीआर गवई एवं न्यायाधीश पीएस नरसिंहा के पीठ में संजीव सिंह द्वारा दायर की गई एसएलपी पर सुनवाई होगी। सुप्रीम अदालत के कॉज लिस्ट के कॉलम 24 में मामला सुनवाई के लिए लिस्टेड किया गया है। इस मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय का क्या आदेश आएगा ? इस पर सबकी निगाहें टिकी है। कानून के जानकार बताते हैं कि यह धनबाद में पहली बार होगा जब कानून के ऐसे पेचिदे बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही होगी।
हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत
पूर्व विधायक संजीव सिंह व डब्ल्यू मिश्रा की अर्जी गुरुवार को झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने 24 मार्च 2022 को याचिका यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि बचाव पक्ष के द्वारा दोनों गवाहों से फुल लेंथ में जिरह कर लिया गया इस कारण फिर से प्रति परीक्षण के लिए उन्हें बुलाना उचित नहीं है। 22 दिसंबर 2021 को धनबाद एमपी एमएलए के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने पूर्व विधायक संजीव सिंह डबलू मिश्रा द्वारा दायर की गई गवाही रिकॉल करने की अर्जी को खारिज की थी। जिसे दोनों ने झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। 20 मई को नीरज हत्याकांड की सुनवाई निचली अदालत में निर्धारित है। जिसमें सूचक की ओर से वकील के अदालत में उपस्थित होकर दलील देने के बिंदु पर आदेश एवं उच्च न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा करने के बिंदु पर सुनवाई होगी।
क्या है मामला
संजीव सिंह व डबलू मिश्रा द्वारा 27 अगस्त 20 को निचली अदालत में आवेदन दायर कर दोनों गवाहों को फिर से गवाही बुलाने की प्रार्थना की गई थी। धनबाद एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत मे संजीव सिंह एवं डब्लू मिश्रा की ओर से दायर अर्जी में कहा गया था कि एकलव्य सिंह की गवाही इस मामले में 28 जनवरी 19 को गवाह संख्या तीन के रूप में जबकि आदित्य राज की गवाही 15 फरवरी 19 को गवाह संख्या 6 के रूप में हो चुकी है। वहीं इस मामले में कुल 37 गवाहों की गवाही हो चुकी है । उपरोक्त गवाह की गवाही हो जाने के बाद अभियोजन की ओर से एफएसएल रिपोर्ट ,मोबाइल फोन के सीडीआर को अदालत में पेश किया गया । और उसे प्रदर्श के रूप में अंकित भी करा दिया गया ।जबकि उक्त दोनों दस्तावेजों की कॉपी बचाव पक्ष को अभियोजन के द्वारा सप्लाई नहीं की गई थी। जिस कारण दोनों गवाहों से कागजातों के आलोक में प्रतिपरीक्षण नहीं किया जा सका अब जबकि अभियोजन के द्वारा उपरोक्त दस्तावेज अदालत के सामने लाए गए तो उन तथ्यों के संबंध में उन गवाहों से प्रतिपरीक्षण आवश्यक है। वही अपर लोक अभियोजक मोहम्मद जब्बार हुसैन एवं सूचक के अधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने अर्जी पर कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि दोनों गवाहों का बचाव पक्ष में वृहद प्रति परीक्षण किया है इसलिए उन्हें बुलाना आवश्यक नहीं है।
दिनदहाड़े हुई थी हत्या
21 मार्च 2017 के संध्या 7 बजे नीरज सिंह अपने फॉच्यूनर कार जेएच10एआर-4500 से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। वह ड्राईवर के साथ आगे सीट पर बैठे थे। पीछे के सीट पर उनका सहायक सरायढ़ेला न्यू कॉलोनी निवासी अशोक यादव और दो निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाईक पर सवार कम से कम 4 हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोली चला कर हत्या कर दी थी।
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