अपने मृत पिता को सुनीता लगा रही है आवाज, नहीं दी गई टीपन महतो के आत्महत्या की बेटी को जानकारी
अस्पताल में भर्ती सुनीता की नजरें बस अपने पिता को तलाश रही है। पिता को आवाज लगाकर वह तेज-तेज चिल्ला रही हैं जिन्होंने शनिवार सुबह ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। हांलाकि सुनीता की हालत को देखते हुए कोई उसे सच नहीं बता रहा है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पॉइजनिंग वार्ड में भर्ती सुनीता कुमारी बार बार चीख रही है। डॉक्टर और कर्मचारियों से अपने पिता टीपन महतो की जानकारी लेना चाह रही है। उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन इसकी जानकारी सुनीता को नहीं दी गई है।
सुनीता बस इतना जानती है कि शनिवार की सुबह उसके पिता उसके साथ बगल के बेड पर भर्ती थे और अचानक कहीं चले गए हैं। जब अपने पिता के बारे में वह डॉक्टरों से पूछ रही है, तो डॉक्टर और गांव के लोग बस इतना कह रहे हैं कि उनका दूसरे जगह इलाज हो रहा है। इसके बावजूद सुनीता का दिल नहीं मान रहा है। बार-बार वह अपने पिता को खोज रही है।
एक सप्ताह के अंदर घर के तीन लोगों की हो चुकी है मौत
सुनीता कुमारी के घर के तीन सदस्यों की 1 सप्ताह के अंदर मौत हो गई है। 20 फरवरी सोमवार को सुनीता की बड़ी बहन गीता देवी के 3 माह के पुत्र की मौत बीमारी की वजह से हो गई थी। घर के लोगों ने पुत्र की मौत के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए।
सोमवार की रात घर के चार सदस्यों सुनीता कुमारी, उसकी बहन गीता देवी, उसकी मां दुखनी देवी और पिता टीपन सभी अवसाद में चले गए और सत्तू में कीटनाशक डालकर खा गए। गंभीर अवस्था में मंगलवार की सुबह चारों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बुधवार की शाम गीता देवी की जान इलाज के दौरान चली गई। वहीं शनिवार को टीपन अस्पताल से गायब हो गया और बाहर एक पेड़ में फांसी से झूल गया।
मानसिक तनाव से जूझ रही सुनीता और उसकी मां
फिलहाल पॉइजनिंग वार्ड में सुनीता और उसकी मां का इलाज चल रहा है। दोनों भारी मानसिक तनाव से इस वक्त गुजर रहे हैं। सुनीता बार-बार अपने बेड से भागना चाह रही है, इसे देखते हुए अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों ने उसके हाथ और पैर को बांधकर इलाज कर रहे हैं। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की मानसिक स्थिति काफी प्रभावित हुई है। फिलहाल दोनों की स्थिति पहले की तुलना में बेहतर हुई है, लेकिन अभी इनकी निगरानी बेहद जरूरी है।
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