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    Dhanbad News: CBI ने डाकघर के उप डाकपाल को घूस लेते दबोचा, कोर्ट से मिली 3 दिन की रिमांड

    कोयला नगर के उप डाकपाल प्रभात रंजन को सीबीआई ने 30 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया है। गोविंदपुर उप डाकघर के एक कर्मचारी से प्रमोशन के नाम प्रभात ने 70 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। प्रभात रंजन पोस्ट ऑफिस कर्मियों का नेता भी है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    By Niraj Duby Edited By: Divya Agnihotri Updated: Fri, 14 Feb 2025 11:01 AM (IST)
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    सीबीआई ने उप डाकपाल को किया गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, धनबाद। कोयला नगर के उप डाकपाल प्रभात रंजन को धनबाद सीबीआई ने 30 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में बुधवार की रात गिरफ्तार किया है। गुरुवार को कोर्ट में प्रस्तुत कर तीन दिनों के रिमांड पर भी लिया है। प्रभात रंजन पोस्ट ऑफिस कर्मियों के नेता भी हैं।

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    70 हजार रुपये की घूस मांगी

    केंद्रीय विभाग डीजीएमएस हो या फिर सीएमपीएफ वे ऐसे कई केंद्रीय कार्यालय के डाक विभाग कर्मियों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। विभाग में उसकी अच्छी पकड़ है, जिस कारण से लोग उस पर विश्वास भी करते थे।

    उसी का फायदा वह अक्सर उठाते थे। गोविंदपुर उपडाक घर में कार्यरत एक कर्मी अमन कुमार को प्रोनत्ति दिलाने के नाम पर प्रभात रंजन ने 70 हजार रुपये घूस मांगी थी।

    यह बात अमन को नागावार गुजरी और अमन ने सात जनवरी को प्रभात रंजन के खिलाफ सीबीआई को शिकायत की, जिसके बाद सीबीआइ ने अपने स्तर से पूरे मामले का सत्यापन करवाया और 9 जनवरी को उपडाक पाल को पकड़ने की प्लानिंग हुई।

    घूस के पैसे देने के लिए घर पर बुलाया

    सीबीआई ने प्रभात रंजन को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और वह फंस गया। दरअसल, प्रभात रंजन ने अमन को घूस की अग्रिम राशि देने के लिए अपने घर पर बुलाया था।

    बुधवार को अमन प्रभात रंजन के जगजीवन कॉलोनी में स्थित बीसीसीएल के क्वार्टवर में उसे रुपये दिया। उसके चंद मिनट बाद ही प्लानिंग के तहत सीबीआई प्रभात रंजन के घर पहुंच गई।

    दरअसल, जो नोट प्रभात रंजन को दिए गए थे, उसके नंबर सीबीआई ने पहले ही डायरी में अंकित कर लिए थे।

    सीमेंट के बोरा में मिले पैसे

    • काफी खोजबीन के बाद एक सीमेंट के बोरा में सीबीआई को 30 हजार रुपये मिले। फिर सीबीआई ने बरामद नोट के नंबर अपने रजिस्टर में अंकित नंबर से मिलान करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
    • इससे पूर्व प्रभात रंजन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 संशोधित 2018 की धारा 7 के तहत मामला भी दर्ज किया गया है। प्रभात रंजन के खिलाफ अब सीबीआई जांच करेगी।
    • सीबीआई पूर्व से डाक घर में 16 करोड़ के घोटाले की जांच कर रही है। उस मामले में भी प्रभात रंजन की भूमिका की जांच होगी।
    • प्रभात रंजन की पहुंच विभाग में मजबूत था। पोस्ट ऑफिस के वरीय अधिकारियों से भी उसका बेहतर संबंध था।

    घूस की राशि ढूंढ़ने में सीबीआई को छह घंटे लगे

    जैसे ही अमन जगजीवन नगर स्थित बीसीसीएल के क्वार्टर से प्रभात रंजन को 30 हजार देकर निकला, उसके तुरंत बाद ही सीबीआई की टीम ने प्रभात रंजन के घर छापामारी की।

    प्रभात रंजन इतना शातिर था कि पल भर में ही उसने घूस की राशि एक सीमेंट के बोरे में छुपा दी। सीबीआई ने प्रभात रंजन के घर की तकरीबन छह घंटे तक तलाशी ली।

    घर का चप्पा-चप्पा खंगाल लिया पर वह नोट नहीं मिले। तलाशी के दौरान सीबीआई पूरी तरह से थक चुकी थी। प्रभात रंजन भी अधिकारियों को ठहला रहा था, सीबीआई ने पूरे घर के सामान को खंगाल दिया। हरेक सामान को चेक किया।

    तभी एक जगह सीमेंट के बोरे में 30 हजार रुपये मिले, मिलान करने पर वही नोट थे, जिसके बाद सीबीआई अधिकारियों को थोड़ी राहत मिली। मौके पर प्रभात रंजन को गिरफ्तार कर लिया।

    प्रभात रंजन के घर से पुलिस को एक स्कार्पियों, आइटेन समेत कई वाहन मिले, जिसकी जांच हो रही है। सीबीआई से उसके आय से संबंधित जांच भी करेगी। वहीं प्रभात रंजन को उसके बैंक खाता व अन्य जानकारी ले रही है।

    यह था मामला

    प्रभात रंजन डाकघर कर्मियों का नेता था, लेकिन अमन से उसकी पहचान नहीं थी। अमन अपनी प्रोनत्ति को लेकर चिन्हित था। उसने एक दूसरे कर्मी माधव से चर्चा की थी। माधव ने भी प्रभात रंजन से संपर्क करने का रास्ता दिखाया।

    दरअसल, माधव ने अमन से कहा कि प्रभात रंजन की पकड़ वरिष्ठ अधिकारियों के बीच है, वह चाहेगा तो उसका प्रमोशन आसानी से करवा सकता है, तभी अमन प्रभात रंजन से मिला।

    प्रभात रंजन ने प्रमोशन के लिए तीन लाख रुपये मांगे थे, जिस पर अमन दुखी हो गया। सीबीआई से शिकायत भी कर दी। इस बीच प्रभात रंजन से अमन की बात हुई तो उसने 70 हजार रुपये मांगे अमन तैयार हो गया।

    रिश्वत की राशि प्रमोशन प्रक्रिया को पूरा करने, प्रशिक्षण पत्र और पोस्टिंग मेमो जारी करने के लिए मांगी गई थी। अमन कुमार ने 7 जनवरी 2025 को इसकी शिकायत सीबीआई से की थी।

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