धनबाद: गैस प्रभावितों से नहीं मिले कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी, माफियाओं पर नकेल की दे दी चेतावनी
धनबाद में कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी गैस प्रभावितों से नहीं मिले, लेकिन माफियाओं पर नकेल कसने की चेतावनी दी। उन्होंने क्षेत्र में अवैध कोयला खनन और ...और पढ़ें

केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, धनबाद। केंदुआडीह के राजपूत बस्ती में गैस रिसाव से प्रभावित लोगों से केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी के नहीं मिलने पर धनबाद में नाराजगी और चर्चाओं का दौर तेज है।
धनबाद दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री ने जहां अवैध कोयला कारोबार और भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाते हुए माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी, वहीं झरिया अग्नि एवं गैस प्रभावित क्षेत्र का दौरा नहीं करने से प्रभावित परिवार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने अपने दो दिवसीय दौरे में कई आधिकारिक कार्यक्रमों में शिरकत किया। उनका मुख्य फोकस झरिया मास्टर प्लान की समीक्षा बताया गया। उल्लेखनीय है कि केंदुआ की राजपूत बस्ती झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र में आती है और झरिया मास्टर प्लान के अंतर्गत ही शामिल है। इसके बावजूद मंत्री का घटनास्थल या गैस प्रभावितों से मुलाकात नहीं करना कई सवाल खड़े कर रहा है।
गौरतलब है कि केंदुआडीह क्षेत्र में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस रिसाव की घटना में अब तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 90 से अधिक लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। इस गंभीर मामले को लेकर धनबाद से लेकर दिल्ली तक आवाज उठ चुकी है और संसद में भी इसकी गूंज सुनाई दी थी। ऐसे में केंद्रीय कोयला मंत्री के दौरे के बावजूद पीड़ितों से संवाद न होना स्थानीय स्तर पर निराशा का कारण बना।
हालांकि, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है और मंत्रालय पूरी पारदर्शिता के साथ काम करेगा। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से हो रहे कोयला कारोबार पर मंत्रालय की कड़ी नजर है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।बताया जा रहा है कि धनबाद में कोयला कारोबार से जुड़े मामलों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई की सक्रियता बढ़ी है। जिले में करीब 18
स्थानों पर छापेमारी हो चुकी है और दर्जन भर से अधिक लोग विभिन्न जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। इनमें कोयला व्यवसाय से जुड़े ठेकेदार, राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग और कुछ कोयला अधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर उनकी जांच की जा रही है। केंद्रीय मंत्री के सख्त बयानों से जहां कोयला माफियाओं में खलबली है।

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