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    Dhanbad News: एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर, रेफर मरीज परेशान

    By Mohan Kumar Gope Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 29 Jul 2025 03:01 PM (IST)

    धनबाद में एम्बुलेंस चालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। लगभग 150 कर्मचारी काम पर नहीं आए हैं जिससे एम्बुलेंस सेवा ठप हो गई है। चालकों का आरोप है कि उन्हें 12 घंटे की ड्यूटी के बावजूद उचित वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। उन्होंने 27 जुलाई तक मांगों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है।

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    धनबाद में एम्बुलेंस चालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले राज्य भर के एंबुलेंस चालकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है। धनबाद में भी 108 एंबुलेंस के करीब 150 कर्मचारी (चालक व कर्मी) विरोध में उतर आए। सदर अस्पताल परिसर स्थित 108 कार्यालय के पास चालकों व कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी। सुबह से ही एंबुलेंस सेवा ठप कर दी गई।

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    सभी बैनर-पोस्टर लेकर कार्यालय के पास जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। इधर, सेवा ठप होने से गांव से लेकर शहर तक इसका असर दिखने लगा। गंभीर रूप से घायल, मरीज, गर्भवती महिलाएं आदि को अस्पताल जाने और आने में काफी परेशानी होने लगी। अकेले एसएनएमएमसीएच में चार मरीजों को रांची रेफर नहीं किया जा सका।

    वहीं, 108 सेवा के तहत एसएनएमएमसीएच व सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए अस्पताल नहीं पहुंच सकीं। देर रात तक चालक हड़ताल पर रहे। इधर, 108 के कॉल सेंटर पर फोन करने पर बताया जा रहा है कि अभी सेवा उपलब्ध नहीं होगी, कृपया इंतजार करें। प्रतिदिन चलती हैं एम्बुलेंस के 150 चक्कर

    धनबाद में लगभग 32 लाख की आबादी के लिए सरकार द्वारा 37 एम्बुलेंस चलाई जाती हैं। इसके लिए 108 पर कॉल करना होता है। नियमों के अनुसार, कोई भी मरीज, बीमार, गर्भवती, घायल आदि 108 पर कॉल करके मुफ्त सेवा प्राप्त कर सकता है। धनबाद में एम्बुलेंस चालक प्रतिदिन लगभग 150 चक्कर लगाते हैं। लेकिन सोमवार को एक भी एम्बुलेंस नहीं चली।

    12 घंटे की ड्यूटी से नाराजगी

    चालकों ने बताया कि 108 एम्बुलेंस का संचालन समाधान फाउंडेशन नामक एक निजी संस्था द्वारा किया जाता है। झारखंड एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले एम्बुलेंस चालकों ने पूरे राज्य में कार्य बहिष्कार किया है। चालकों ने बताया कि एजेंसी प्रतिदिन 12 घंटे की ड्यूटी ले रही है। लेकिन बदले में न तो उन्हें उचित मानदेय दिया जाता है और न ही किसी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। उन्हें ईपीएफ और चिकित्सा सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं।

    किसे नहीं पता कितना वेतन

    कर्मचारी संजय कुमार ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में आपातकालीन सेवा के तहत मरीजों को समय पर अस्पताल पहुँचाया जा रहा है। इसके बावजूद, कर्मचारियों को यह नहीं पता कि उन्हें कितना वेतन मिलता है। एजेंसी द्वारा वेतन में कटौती, छुट्टी माँगने पर उत्पीड़न और ड्यूटी के दौरान संगठन के पदाधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार जैसी घटनाएँ हो रही हैं। एनआरएचएम के तहत कर्मचारियों को स्थायी बहाली दी जाए।

    ये हैं मुख्य मांगें

    • सभी 108 एम्बुलेंस कर्मियों की सेवा 60 वर्ष तक हो।
    • 26 जून 2025 को 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन करने वाली संस्था के साथ तय हुए 9 सूत्रीय प्रस्तावों को लागू किया जाए।
    • 108 एम्बुलेंस कर्मियों और विभाग के बीच बिचौलियों को हटाकर एनएचएम द्वारा एम्बुलेंस कर्मियों का वेतन भुगतान किया जाए।
    • पूर्व में निलंबित 108 एम्बुलेंस कर्मियों को तत्काल बहाल किया जाए और भ्रष्ट अधिकारियों को सेवा से मुक्त किया जाए।

    एम्बुलेंस कर्मियों ने दिया 27 जुलाई तक का अल्टीमेटम 

    चालकों ने बताया कि उन्होंने 22 जुलाई को रांची में धरना दिया था और अपनी मांगों पर उचित कार्रवाई के लिए 27 जुलाई तक का समय दिया था। लेकिन जब एम्बुलेंस चालकों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी गई है।

    मामला मुख्यालय से संबंधित है। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है। मरीजों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

    -डॉ. आलोक विश्वकर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, धनबाद