Dhanbad News: ट्रांसफर के एवज में घूस मांगने का आरोप, बुरे फंसे धनबाद के सिविल सर्जन; एक अफसर ने खड़ी की मुसीबत
Jharkhand News In Hindi धनबाद के सिविल सर्जन डॉ. चंद्रभानु प्रतापन पर एक लाख रुपये घूस मांगने का आरोप लगा है। आरोप है कि उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी यशोदा कुमारी के तबादले के लिए यह रिश्वत मांगी थी। इस मामले में उपायुक्त माधवी मिश्रा से शिकायत की गई है और सिविल सर्जन और संबंधित कर्मचारियों को लीगल नोटिस भेजा गया है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी यशोदा कुमारी को स्थानांतरण करने की एवज में सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापपन पर एक लाख रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया गया है।
इस संबंध में सिविल सर्जन और कार्यालय के लिपिक संजुत कुमार सहाय के खिलाफ उपायुक्त माधवी मिश्रा से शिकायत की गई है।
अधिवक्ता रजनीश कुमार झा ने इस संबंध में सिविल सर्जन और संबंधित कर्मचारियों को लीगल नोटिस भेजा है। 7 दिनों में जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट में केस करने की बात कही है।
अक्टूबर में बड़े पैमाने पर हुआ था स्थानांतरण
स्वास्थ्य विभाग में लगभग 54 सामुदायिक स्वास्थ्य प्राधिकारी विभिन्न आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सेवा दे रहे हैं। अक्टूबर नवंबर 2024 में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़े पैमाने पर इन सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी का तबादला किया गया था।
इसकी जिम्मेदारी सिविल सर्जन ने लिपिक संजीत कुमार को दी थी। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी को सहूलियत के हिसाब से पोस्टिंग के लिए आवेदन देने को कहा गया था।
27 सितंबर 2024 को यशोदा कुमारी ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर मोहलबनी झरिया से अपना स्थानांतरण आयुष्मान आरोग्य मंदिर बिशनपुर तोपचांची प्रखंड में करने की मांग की थी, यशोदा ने कहा था कि उसकी ससुराल तोपचाची में है, जिससे वह अपने बच्चों पर भी निगरानी कर पाएगी।
सिविल सर्जन पर घूस मांगने का आरोप
- यशोदा देवी के पति बालेश्वर साव ने अपने परिचित कांग्रेस नेता इजहार अहमद बिहारी के साथ सिविल सर्जन से मिलने गए। उन्होंने बताया कि यहां एक लाख रुपये स्थानांतरण के लिए मांग की गई।
- बालेश्वर ने इसकी लिखित शिकायत उपायुक्त माधवी मिश्रा से की। इजहार अहमद सिविल सर्जन के अलावा लिपिक संजीत कुमार पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाकर लीगल नोटिस कराया है। 23 जनवरी 2025 को वकील रजनीश कुमार झा ने लीगल नोटिस भेजा है।
सरकार को बदनाम कर रहे हैं कर्मचारी
इजहार अहमद बिहारी ने कहा जब मैं सिविल सर्जन से स्थानांतरण के निवेदन के लिए गया तो सिविल सर्जन ने एक लाख रुपये की घूस मांगी। सरकारी सेवकों को यह शोभा नहीं देता है। उनके साथ लिपिक संजुत कुमार भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को ऐसे कर्मचारी और पदाधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर बदनाम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री समेत वरीय अधिकारियों को भी शिकायत की गई है।
पैसे मांगे जाने का आरोप निराधार है। इजहार अहमद कार्यालय में आए थे। लेकिन आप वह गलत लगा रहे हैं।-डॉ चंद्रभानु प्रतापन, सिविल सर्जन, धनबाद
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