Christmas पर चर्च के गेट हुए बंद, गैर-ईसाई युवाओं की एंट्री पर रोक से मचा हड़कंप
Christmas Shock in Dhanbad: धनबाद में क्रिसमस के अवसर पर चर्च के द्वार बंद कर दिए गए, जिससे गैर-ईसाई युवाओं के प्रवेश पर रोक लग गई और हड़कंप मच गया। इ ...और पढ़ें

धनबाद के संत एंथनी और संत मेरी चर्च में गैर-ईसाइयों की एंट्री बंद। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, धनबाद। Christmas Shock in Dhanbad: क्रिसमस के पावन अवसर पर गुरुवार को शहर के दो प्रमुख गिरजाघरों-संत एंथनी चर्च और संत मेरी चर्च-में उस समय असहज स्थिति बन गई, जब विशेष प्रार्थना के बाद गैर-ईसाई युवक-युवतियों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई।
सुबह करीब 7:30 बजे प्रार्थना सभा संपन्न होते ही दोनों चर्चों के मुख्य द्वार सामान्य सैलानियों के लिए बंद कर दिए गए। इस फैसले से दूर-दराज के इलाकों से क्रिसमस की रौनक देखने पहुंचे सैकड़ों युवक-युवतियों को निराश होकर लौटना पड़ा।
चर्च परिसर के बाहर खड़े युवाओं के चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही थी। कई लोग तस्वीरें लेने और सजावट देखने की उम्मीद लेकर आए थे, लेकिन उन्हें भीतर प्रवेश का अवसर नहीं मिल सका। संत एंथनी चर्च के पादरी अजित हुरो ने बताया कि यहां यह पाबंदी पिछले दो वर्षों से लागू है।
उनका कहना है कि क्रिसमस के दिन चर्च परिसर में अत्यधिक भीड़ जुट जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में ऐसे युवक-युवतियां भी होते हैं, जो केवल घूमने या सेल्फी लेने आते हैं। इससे अनुशासन भंग होने के साथ-साथ प्रार्थना करने आए श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह कठोर निर्णय लिया गया है।
वहीं, संत मेरी चर्च में इस तरह की पाबंदी पहली बार लागू की गई। चर्च प्रबंधन का मानना है कि क्रिसमस एक धार्मिक पर्व है और इस दिन प्राथमिकता श्रद्धा और शांति बनाए रखने की होनी चाहिए।
हालांकि, चर्च प्रशासन के फैसले को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ ने इसे अनुशासन और व्यवस्था के लिए जरूरी बताया, तो कुछ युवाओं ने इसे उत्सव की भावना के विपरीत कदम करार दिया। क्रिसमस के उल्लास के बीच यह निर्णय पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा।

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