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    Jharkhand News: पीएम मोदी के स्वागत में एक गलती... धनबाद के डीसी पर गिरी गाज, चंपई सोरेन ने लिया कड़ा एक्शन

    Pm Modi Dhanbad Visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में एक गलती करना धनबाद के डीसी वरुण रंजन को भारी पड़ गया। उन्हें सीएम चंपई सोरेन ने पद से ही हटा दिया। वहीं माधवी मिश्रा धनबाद की नई उपायुक्त बनाई गई हैं। वरुण रंजन अपने कार्यकाल में कोई छाप नहीं छोड़ सके। उनकी कार्यशैली भी विवादों में रही। अफसरों की शिकायत थी कि वह घंटों मीटिंग करते थे।

    By Dileep Kumar Sinha Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 02 Mar 2024 08:47 AM (IST)
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    पीएम नरेंद्र मोदी और झारखंड के सीएम चंपई सोरेन (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News Today:  धनबाद में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान ड्यूटी में कोताही बरतने के कारण सरकार ने कार्रवाई करते हुए डीसी वरुण रंजन को पद से हटा दिया है। माधवी मिश्रा धनबाद की नई उपायुक्त (Dhanbad New DC) बनाई गई हैं।

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     यह रही धनबाद के डीसी के तबादले की वजह

    बताया जाता है कि वरुण रंजन की गलती के कारण धनबाद में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीऑफ नहीं कर पाए थे। सीऑफ के लिए जाने के क्रम में एक वाहन खराब हो गया था, जबकि दूसरा वाहन डीसी समय पर उपलब्ध नहीं करा सके। पीएम और सीएम के जाने के बाद शाम होते-होते वरुण के तबादले का आदेश आ गया।

    कौन हैं धनबाद की नई डीसी (Who is Dhanbad New DC)

    माधवी रांची में झारखंड औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर थीं। वह 2015 बैच की आइएएस अधिकारी हैं। वह रामगढ़ में डीसी तथा हजारीबाग में नगर निगम आयुक्त पद पर रह चुकी हैं। वह लखनऊ की रहनेवाली हैं।

    वरुण रंजन को JIIDCO का प्रबंध निदेशक बनाया गया

    Dhanbad News: वरुण रंजन को झारखंड औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम, रांची का प्रबंध निदेशक बनाया गया है।  पीएम के कार्यक्रम के ठीक बाद उपायुक्त वरूण रंजन का तबादला होने से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे।

    वरुण रंजन के घंटों मीटिंग से अधिकारी रहते थे परेशान

    वरुण रंजन अपने कार्यकाल में कोई छाप नहीं छोड़ सके। उनकी कार्यशैली भी विवादों में रही। अफसरों की शिकायत थी कि वह घंटों मीटिंग करते थे। अफसरों को काम करने का समय नहीं मिल पाता था।

    धनबाद की ज्वलंत मुद्दों पर वह कुछ कर नहीं सके। शहर का अतिक्रमण हो या फिर तालाबों का, वह कुछ कर नहीं सके। दुर्गापूजा से लेकर छठ पर्व तक रानी बांध को लेकर जो दुर्दशा हुई, उसे लोग भूल नहीं सकेंगे।

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