Deoghar News: जसीडीह से बंगलुरु के बीच नई ट्रेन का परिचालन शुरू, यात्रियों को होगी सुविधा
आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव को लेकर जसीडीह-बंगलुरू साप्ताहिक ट्रेन को शुक्रवार को रवाना किया गया। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे देवघर विधायक नारायण दास और आसनसोल मंडल के डीआरएम परमानन्द शर्मा ने जसीडीह स्टेशन से हरि झंडी दिखाकर रवाना किया।
जसीडीह, जेएनएन। आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव को लेकर जसीडीह-बंगलुरू साप्ताहिक ट्रेन को शुक्रवार को रवाना किया गया। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे, देवघर विधायक नारायण दास और आसनसोल मंडल के डीआरएम परमानन्द शर्मा ने जसीडीह स्टेशन से हरि झंडी दिखाकर रवाना किया।
सांसद ने बताया कि जसीडीह स्टेशन से अगरतल्ला, पुणे, तामव्रम्, गोवा समेत दर्जनों दूर दराज के राज्य और शहरों के लिए रेल सेवा बहाल की गई है, लेकिन भारत के कई क्षेत्रों को जोड़ने वाली ट्रेन की कमी को देखते हुए बेंगलुरु तक नई ट्रेन दी गई है। ट्रेन के परिचालन से क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र मे बढ़ावा मिलेगा।
ये है ट्रेन के आने जाने का समय
उन्होंने बताया कि ट्रेन संख्या 22306/05 जसीडीह एसएमवीटी बेंगलुरु साप्ताहिक ट्रेन का परिचालन प्रत्येक शुक्रवार सुबह 6:30 बजे जसीडीह से होगा। जसीडीह से खुलने के बाद मधुपुर जामताड़ा आसनसोल, दुर्गापुर, वर्द्धमान, दानकुनी, भट्टान नगर, खड़गपुर, बालासोर, भद्रक, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापट्टनम, नेल्लोर, पेरमबुर, काटपाटी, जोलारपेटई, एसएमवीटी बेंगलुरु शनिवार रात 8:30 बजे पहुंचेगी।
ट्रेन में होगी 22 कोच की सुविधा
वापसी में ये ट्रेन रविवार सुबह दस बजे बंगलुरु से खुलेगी और सोमवार रात 11.59 बजे जसीडीह पहुंचेगी। 22 कोच वाली इस ट्रेन में सभी सुविधाएं हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार की उपेक्षा नीति के कारण जसीडीह स्टेशन का समुचित विकास नहीं हो पाया रहा है। जसीडीह स्टेशन के विकास के लिए बीते 2017 के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से लगभग 67 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया है।
एक एक जमी की कीमत 57 करोड़ रुपये
पूर्व मे जसीडीह स्टेशन को विस्तार के लिए पांच एकड जमीन की मांग राज्य सरकार की की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से एक एकड़ जमीन की कीमत 57 करोड़ बताया गया, जो विश्व के अन्य देशों में भी इतनी कीमत नही होगी। उन्होंने कहा कि संबंधित मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। इस मौके पर संजय यादव, संजय राय, राजन सिंह, ललन दुबे, हरिकिशोर सिंह, सुबोध देव समेत दर्जनों कार्यकर्ता व रेलवे अधिकारी मौजूद थे।