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नई पीढ़ी ने जाना औषधीय पौधों का महत्व

बावनबीघा स्थित सभागार में शनिवार को संवाद व एक्शन एड के संयुक्त कार्यक्रम में विलुप्त होते औषधीय पौधों के दस्तावेजीकरण को लेकर वैद्यों व किशोरियों का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 06:21 AM (IST)
नई पीढ़ी ने जाना औषधीय पौधों का महत्व
नई पीढ़ी ने जाना औषधीय पौधों का महत्व

मधुपुर : शहर के बावनबीघा स्थित सभागार में शनिवार को संवाद व एक्शन एड के संयुक्त कार्यक्रम में विलुप्त होते औषधीय पौधों के दस्तावेजीकरण को लेकर वैद्यों व किशोरियों का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें मधुपुर प्रखंड के सिकटिया, पथलजोर, मार्गोमुंडा प्रखंड के कानो व बाघमारा पंचायत के गांवों से तीन किशोरी क्लब के 40 किशोरियों व 10 वैद्यों ने भाग लिया। मौके पर संवाद के गोकुल ने बताया कि संवाद और एक्शन एड गांव के सर्वागीण विकास के साथ परंपरागत व्यवस्था को जीवित करने व उसे संरक्षित करने की दिशा में यह कार्यक्रम चला रही है। समाजकर्मी घनश्याम ने बताया कि लोगों ने अपना खानपान असंयमित कर दिया है। बाजार का खाना व बाजार के दवाई पर निर्भरता बढ़ गई है। पहले घर के भोजन में औषधीय गुण रहता था, जिससे लोग कम बीमार पड़ते थे। बीमार पड़ने पर भी आसपास के जड़ी बूटी से अपना इलाज करते थे। किशोरियों एवं वैद्यों के साथ कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि नई पीढ़ी के बच्चे इसके महत्व को जान सके। कार्यशाला में होलोदी बेसरा, संतु हेंब्रम, दुखी टुडू, रामेश्वर मुर्मू, सरकार मुर्मू, दुखी शेख, इस्लाम शेख, रामानंद टुडू, जाकिर हुसैन, बसंती सोरेन, रामेश्वर पंडित आदि ने भाग लिया।

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