जमुई ट्रेन हादसे पर बड़ा अपडेट... रेलवे ने माना भीषण दुर्घटना, बताया कब से शुरू होगा ट्रेनों का परिचालन
Bihar Train Accident: बिहार के जमुई में हुई मालगाड़ी दुर्घटना को रेलवे ने ए कैटेगरी की भीषण घटना माना है। हादसे के चौथे दिन हावड़ा-पटना-नई दिल्ली मेन ...और पढ़ें

हादसे के बाद नदी पर रेल पुल पर क्षतिग्रस्त ट्रैक को मरम्मत करते रेलवे के कर्मचारी। (फोटो जागरण)
कंचन सौरभ मिश्रा, जागरण, देवघर। पूर्व रेलवे (Eastern Railway) के आसनसोल रेल मंडल(Asansol Division) के जसीडीह-झाझा सेक्शन (Jasidih–Jhajha section) पर सिमुलतल्ला के पास नदी पर बने पुल पर 27 दिसंबर की रात 11: 10 बजे सीमेंट से लदी मालगाड़ी पलट गई थी। इसके बाद से हावड़ा-पटना मेनलाइन पर रेल परिचालन ठप है। शनिवार रात से रेल परिचालन शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य चल रहा है। रेलवे के अनुसार आज चाैथे दिन रेल परिचालन शुरू हो जाएगा।

हावड़ा-पटना मेन लाइन बंद रेल परिचालन ठप होने से रेलवे मंत्रालय और रेलवे बोर्ड काफी गंभीर है। मरम्मत कार्य में लगे अधिकारियों से रेलवे बोर्ड के अधिकारी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। हालांकि सवाल यह उठ रहा है कि आखिर किस तरह की दुघर्टना है कि तीन दिन में भी रेल परिचालन शुरू नहीं हो पाया है।
इस घटना की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेलवे मंत्रालय और रेलवे बोर्ड स्वयं हालात की सीधी निगरानी कर रहे हैं। कार्य की प्रगति को लेकर लगातार अपडेट लिया जा रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पूर्व रेलवे के जीएम मिलिंद देउस्कर सहित वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मौके पर लगातार डटी हुई है। पूरी रात जीएम और अन्य अधिकारी सर्द हवाओं और घने कुहासे के बीच घटनास्थल पर मौजूद रहे।
रेलवे के सैकड़ों कर्मचारी लगातार कार्य में जुटे हुए हैं। पूर्व रेलवे के कोलकाता, आसनसोल, मालदा और दानापुर डिवीजन के कर्मचारी व इंजीनियर मरम्मत कार्य में लगे हैं। शनिवार रात हादसे के कुछ ही देर बाद रेलवे के कर्मचारी और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे और तत्पश्चात मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया, जो अब तक जारी है।
पटरी, ओवरहेड बिजली के तार व पुल को पहुंचा नुकसान
रविवार सुबह से सोमवार सुबह तक मौके पर मौजूद रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यह हादसा भीषण रेल दुर्घटना की श्रेणी में आता है। इस हादसे में मालगाड़ी की 42 बोगियों में से 20 बोगियां डिरेल हो गईं। कुछ बोगियां रेलवे पुल के नीचे लटक गईं। वहीं, करीब 25 मीटर तक रेलवे पटरी को भारी नुकसान पहुंचा है और कुछ हिस्सों में पटरी पूरी तरह उखड़ चुकी है। अप और डाउन दोनों लाइनों को क्षति पहुंची है।
इसके अलावा ओवरहेड बिजली के तार और रेलवे पुल को भी नुकसान हुआ है। मौसम भी रेल कर्मियों की अग्निपरीक्षा ले रहा है। अधिकारी के अनुसार, रविवार रात अत्यधिक ठंड थी, सर्द हवाएं तेज गति से चल रही थीं और घना कुहासा छाया हुआ था, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई थी। ऐसे हालात में काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण था, इसके बावजूद वरिष्ठ अधिकारी और रेलकर्मी पूरी मुस्तैदी से कार्य में जुटे रहे।
बोगियों को काटकर नदी में गिराया गया
मरम्मत कार्य बेहद कठिन था, क्योंकि कई बोगियां रेलवे पुल से नीचे लटक रही थीं। बोगियों में सीमेंट की बोरियां भरी हुई थीं। पहले मजदूरों की मदद से बोगियों से सीमेंट की बोरियां निकाली गईं। इसके बाद कई बोगियों को काटकर नदी में गिराया गया। बोगियों को पटरी और आसपास के क्षेत्र से पूरी सावधानी से हटाने में काफी समय लग गया। सोमवार सुबह यह कार्य पूरा हुआ।
इसके बाद पटरी, ओवरहेड बिजली के तार और रेलवे पुल को दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया। इसके लिए अलग-अलग टीमें 24 घंटे लगातार काम में जुटी हुई हैं। सभी का प्रयास है कि जल्द से जल्द ट्रेन सेवाएं बहाल की जाएं, ताकि आम लोगों को परेशानी न हो।
रात में काम के लिए पर्याप्त बिजली की व्यवस्था की गई है। रेलवे के विद्युत विभाग की टीम ने पास के तेलवा बाजार से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की है। पूरा कार्य क्षेत्र तेज रोशनी से जगमगा रहा है। सड़क मार्ग से हर प्रकार का आवश्यक सामान घटनास्थल तक पहुंचाया जा रहा है। कार्यस्थल पर दिन और रात का अंतर लगभग समाप्त हो चुका है।
घटना के कारणों की जांच जारी
रेलवे सूत्रों के अनुसार, घटना के कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इतना बड़ा हादसा आखिर कैसे हुआ। जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई, वहां से कुछ ही देर पहले एक ट्रेन गुजर चुकी थी। यदि पटरी में पहले से कोई गड़बड़ी होती, तो उस ट्रेन के चालक या गार्ड को इसकी जानकारी मिलती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ऐसे में यह हादसा तकनीकी कारणों से हुआ या मानवीय भूल के चलते—इसकी गहन जांच की जा रही है। कारणों का सही पता चलने के बाद ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपाय सुनिश्चित किए जा सकेंगे। रेलवे के अनुसार आज मंगलवार शाम तक दोनों लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि गनीमत यह रही कि उस समय दूसरी पटरी से कोई ट्रेन नहीं गुजर रही थी। यदि उस वक्त कोई सवारी ट्रेन वहां से गुजर रही होती, तो परिणाम कितने भयावह हो सकते थे, इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है। इन सबके बीच आम लोग जल्द से जल्द रेल सेवा बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।
शाम तक बहाल हो जाएगा परिचालन
मालगाड़ी दुर्घटनास्थल आसनसोल रेल मंडल के तहत आता है। आसनसोल की डीआरएम विनीता श्रीवास्तव भी रेल परिचालन को शुरू करान में लगी हुई हैं। आसनसोल रेल मंडल के अधिकारियों के अनुसार आज शाम तक दोनों ट्रैक पर रेल परिचालन शुरू हो जाएगा। घटना के बाद मेन लाइन पर पटना-हावड़ा के बीच रेल परिचालन ठप है। कुछ ट्रेनों को रद कर दिया गया है तो कुछ को बदले रूट से चलाया जा रहा है। इससे यात्री परेशान हैं।
Cancellation of three trains. pic.twitter.com/fw05C9jPT6
— Eastern Railway (@EasternRailway) December 28, 2025

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