Deoghar Shivling News: देवघर में नहीं हुई शिवलिंग से छेड़छाड़, अब सामने आई सच्चाई; प्रशासन ने दी सफाई
Deoghar News बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में छेड़छाड़ को लेकर उपायुक्त विशाल सागर ने कठोर निर्णय लिया है। मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त पर गाज गिरी है। उनकी वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तियों को वापस ले लिया गया है और मंदिर कर्मी हरिलाल पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। वहीं मंदिर के संरक्षक ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
जागरण संवाददाता, देवघर। देवघर के वैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में मरम्मत कार्य के दौरान शिवलिंग से छेड़छाड़ का आरोप लगने के बाद प्रशासक सह उपायुक्त विशाल सागर के निर्देश पर मंदिर के प्रभारी एसडीओ रवि कुमार ने सोमवार को मंदिर पहुंचकर मामले की जांच की।
जांच रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त ने मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त के सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तियों को वापस ले लिया है। वहीं, मंदिर कर्मी हरिलाल पांडेय को निलंबित कर दिया है। इंटरनेट मीडिया में शिवलिंग के साथ कथित छेड़छाड़ का फोटो वायरल होने के तत्काल बाद उपायुक्त ने मंदिर प्रभारी सह एसडीओ को 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट मांगी थी।
पंडा धर्मरक्षिणी और तीर्थ पुरोहित ने की थी ये मांग
पंडा धर्मरक्षिणी और तीर्थ पुरोहित ने दोषी पर कार्रवाई की मांग की थी। जांच के लिए मंदिर पहुंचे देवघर एसडीओ रवि कुमार ने सोमवार को बताया कि शिवलिंग को चारों ओर से चांदी से मढ़ा गया है। इसमें गैप हो गया था। इसकी मरम्मत के दौरान भूलवश शिवलिंग की जलहरी पर भी सीमेंट का कुछ अंश चला गया है। हालांकि शिवलिंग से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। दोषियों पर कार्रवाई होगी।
एसडीओ ने यह स्वीकार किया कि मरम्मत का कार्य तो होना था। इसकी जानकारी थी, लेकिन किसी के संज्ञान में दिए बिना ही शनिवार को मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया। यह उचित नहीं है।
वहीं, अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित समाज के संरक्षक दुर्लभ मिश्रा ने कहा कि मंदिर में मरम्मत कार्य की सूचना न सरदार पंडा, न श्राइन बोर्ड, न दुमका कमिश्नर और ना ही उपायुक्त को दी गई, जबकि मंदिर में किसी भी तरह का कार्य करने से पहले सहमति ली जाती है। धर्म के अनुरूप विशेषज्ञ की देख-रेख में शिवलिंग पर कार्य कराया जाता है। इसी बात को लेकर आक्रोश है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ और 51 शक्तिपीठों में से एक हृदयपीठ देवघर में झारखंड सरकार का यह अनर्थ स्वीकार नहीं है। भगवान शिव के घर में अनर्थ, बाबा न्याय करेंगे। - डॉ. निशिकांत दुबे, सांसद
गर्भ गृह में किसी तरह का कार्य सरदार पंडा, पंडा धर्मरक्षिणी सभा को संज्ञान में देकर किया जाता है। धर्मरक्षिणी सभा की बैठक में इसका कड़ा विरोध किया गया है। प्रशासक सह उपायुक्त दोषी मंदिर पदाधिकारी अथवा कर्मचारी पर तत्काल कार्रवाई नहीं करते हैं तो मुख्यमंत्री और आयुक्त से पत्राचार किया जाएगा। - डॉ. सुरेश भारद्वाज, अध्यक्ष पंडा धर्मरक्षिणी सभा
गर्भ गृह में छेड़छाड़ हुआ है। इसकी जानकारी कुछ लोगों से मिली है। कोर्ट का आदेश है कि बिना सरदार पंडा के स्वीकृति के किसी तरह का काम गर्भ गृह में नहीं किया जा सकता है। किसने किया, कब किया। इस बात की जानकारी नहीं है। मामले को पूरी तरह से देखा जा रहा है। प्रशासन से इस संबंध में बात की जा रही है। - गुलाबनंद ओझा, सरदार पंडा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।