देवघर के बाद पूर्णिया एयरपोर्ट ने यात्रियों को दिए विकल्प के रास्ते, इस जिले के लोगों को मिलेगा लाभ
देवघर एयरपोर्ट से अंग प्रदेश के यात्रियों को सुविधा मिल रही है। वहीं पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू होने से अब उनके पास एक और विकल्प होगा। तीन सालों में देवघर एयरपोर्ट से साढ़े पांच लाख यात्रियों ने यात्रा की है। पूर्णिया एयरपोर्ट शुरू होने से भागलपुर के लोगों को कम समय लगेगा जबकि बांका जमुई और लखीसराय के लोगों के लिए देवघर आना आसान होगा।

आरसी सिन्हा, देवघर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लोकल फॉर वोकल, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और छोटे शहर से बड़े शहर को जोड़ने के लिए चप्पल वाले भी हवाई जहाज की यात्रा करें इसके लिए छोटे शहरों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजना शुरू की।
पांच साल के दरमियान दरभंगा, देवघर के बाद अब पूर्णिया एयरपोर्ट शुरू हो रहा है। सीमांचल और अंग प्रदेश के लिए अब तक बगडोबरा और उसके बाद दरभंगा एयरपोर्ट हुआ। देवघर एयरपोर्ट के शुरू होते ही दरभंगा और बगडोबरा जाने वाले अंग प्रदेश के यात्री देवघर शिफ्ट हो गए।
तीन साल में साढ़े पांच लाख यात्रियों ने देवघर एयरपोर्ट से अपनी यात्रा पूरी की। पूर्णिया एयरपोर्ट जब 15 सितंबर को शुरू होगा तब अंगप्रदेश में खासकर भागलपुर के ही यात्री महज डेढ़ घंटा में पूर्णिया पहुंच जाएंगे। जबकि अंग प्रदेश के अन्य शहर के लोगों के पास विकल्प होगा कि वह किधर जाएं। वह अपनी सुविधा के अनुसार अपना रूख तय करेंगे।
बांका, जमुई, लखीसराय के यात्री को देवघर आना होगा आसान
झारखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी में तीन साल पहले 2022 में एयरपोर्ट का शुभारंभ हुआ। आज एक साल में दो लाख से अधिक यात्री सफर कर रहे हैं। देवघर एयरपोर्ट का दायरा अंग प्रदेश तक का है। अब 15 सितंबर को पूर्णिया एयरपोर्ट यात्रियों को समर्पित होगा। स्वाभाविक है कि भागलपुर शहर के लोग पूर्णिया एयरपोर्ट जाना पसंद करेंगे।
कारण- देवघर से डेढ घंटा कम समय पूर्णिया जाने में लगेगा। लेकिन बांका, जमुई, लखीसराय, बरबीघा के लोगों को देवघर आना आसान होगा। तो यहां के एयरक्राफ्ट के संचालन के लोड पर बहुत फर्क नहीं पड़ेगा।
फिलहाल असर नहीं
पूर्णिया एयरपोर्ट से फिलहाल देवघर एयरपोर्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कारण पूर्णिया एयरपोर्ट से अभी केवल कोलकाता के लिए दो एटीआर उड़ान भरने वाली है।
यदि सूत्रों पर भरोसा करें तो एक भारत सरकार के अधीन की एलायंस एयर और दूसरी इंडिगो का एयरक्राफ्ट अभी तक शेड्यूल में है। इंडिगो को टाइम स्लाट मिल गया है। एलियांस को मिलने वाला है। एक की सेवा 15 से तो दूसरे की 17 से शुरू होगी।
जब पूर्णिया एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट की संख्या बढेगी, तब जाकर देवघर एयरपोर्ट पर कुछ असर दिखेगा।
अब विकल्प ही विकल्प
उड़ीसा में तीन एयरपोर्ट हैं। भुवनेश्वर, जादूगोड़ा और राउरकेला। पैसेंजर अपनी सुविधानुसार अपनी यात्रा तीनों में एक एयरपोर्ट से करता है। अंग प्रदेश के लोगों के पास एक विकल्प हो गया। वह देवघर अथवा पूर्णिया का विकल्प रखेगा।
बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने के बाद दिल्ली, मुंबई अथवा बेंगलुरू जाना है तो वह देवघर को प्राथमिकता देंगे। देवघर से संप्रति दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और कोलकाता की एयरक्राफ्ट है। आने वाले समय में गुवाहाटी शुरू हो रहा है।
भागलपुर, पूर्णिया के यात्री के समक्ष विकल्प के द्वार खुले हैं। वह पूर्णिया, देवघर अथवा बगडोबरा एयरपोर्ट पर उतरकर अपने गंतव्य को जा सकता है। आज के समय में दो बात प्रमुख है एक समय का बचत, इमरजेंसी और आर्थिक पक्ष। जब तीन विकल्प होंगे तो पैसेंजर को ही लाभ होगा।
बगडोबरा और दरभंगा जाते थे पूर्णिया-किशनगंज के यात्री
पूर्णिया, किशनगंज, फारबीसगंज, सुपौल, मधेपुरा और नेपाल की सीमा से सटे वीरपुर,सिमराही के यात्री के पास दो विकल्प था। एक बगडोबरा दूसरा दरभंगा एयरपोर्ट। पूर्णिया समेत इन आसपास के यात्री को बगडोबरा जाने में चार घंटा लगता था। कुछ इतना ही वक्त दरभंगा जाने में लग रहा है। उनके पास विकल्प था।
जिस एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट और समय का मेल खा गया, उधर ही चल दिए। अब पूर्णिया के लोग कहीं नहीं जाएंगे। लेकिन किशनगंज, सुपौल और फारबीसगंज के लोगों के पास बगडोबरा का विकल्प खुला रहेगा।
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