आयकर की छापेमारी के बाद क्या कांग्रेस Dhiraj Sahu को देगी टिकट? पहले भी दो बार इस सीट से लड़ चुके हैं चुनाव
Dhiraj Sahu News भाजपा धीरज साहू के केस को लगातार निशाना बना रही है। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या क्या कांग्रेस साहू को देगी टिकट? बता दें कि वह पहले भी दो बार कांग्रेस के टिकट पर चतरा से चुनाव लड़ चुके हैं। आयकर विभाग की छापेमारी के बाद से चतरा के कांग्रेसी और धीरज साहू के समर्थक मायूस नजर आ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, चतरा। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू आइएनडीआइए ब्लाक के अस्तित्व में आने के बाद से चतरा लोकसभा क्षेत्र में चुनावी मुहिम चला रहे थे। यह समझा जा रहा था कि वह कांग्रेस के टिकट पर इंडिया ब्लाक के उम्मीदवार होंगे।
वह पहले भी दो बार कांग्रेस के टिकट पर चतरा से चुनाव लड़ चुके हैं। झारखंड और उड़ीसा स्थित उनके विभिन्न ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी और नकद के रूप में अकूत रुपये मिलने के बाद उनके राजनीतिक मुहिम को झटका लगा है। नकदी बरामदगी के बाद कांग्रेसी नेता बैकफुट पर है।
क्या कांग्रेस साहू को देगी टिकट?
माना जा रहा है कि बदनामी से बचने के लिए अब कांग्रेस उन्हें टिकट न दे। इस बदले घटनाक्रम से चतरा के कांग्रेसी और धीरज साहू के समर्थक मायूस नजर आ रहे हैं। धीरज साहू चुनाव को लेकर एक प्रकार से तैयारियां तेज कर दिए थे। संसदीय क्षेत्र में लगातार उनकी उपस्थिति देखी जा रही थी।
चतरा, सिमरिया, लातेहार, मनिका एवं पांकी विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे थे। संगठन ने उन्हें चतरा संसदीय क्षेत्र का प्रभारी भी बनाया है। राज्यसभा सदस्य ने सीधे तौर पर अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की थी, लेकिन उनकी गतिविधियां उस ओर इशारा जरूर कर रही थी।
धीरज के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी
सिमरिया में आयोजित फुटबाल टूर्नामेंट में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए थे। वहीं, चतरा में नौ दिसंबर को मोहन बगान बनाम कोलकाता एकादश के बीच सद्भावना मैच का आयोजन करा रहे थे। मैच को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही थी। शहर में कई स्थानों पर होर्डिंग और बोर्ड लगाए गए थे, लेकिन इसी बीच सात दिसंबर को उनके ठिकानों पर आयकर वालों ने छापेमारी कर दी
इसके बाद मैच को स्थगित कर दिया गया। धीरज साहू चतरा संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2009 और 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार रह चुके हैं। वर्ष 2009 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार इंदर सिंह नामधारी के हाथों मात खाए थे। जबकि 2014 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सुनील कुमार सिंह ने करीब पौने दो लाख वोटों के अंतर से पराजित किया था।
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