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चतरा के 'सिंघम' एसपी राकेश रंजन: अपराध का डटकर कर रहे हैं मुकाबला, नक्‍सलियों की तोड़ रहे कमर

झारखंड के चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड क्षेत्र के जंगल में सोमवार को कोबरा के साथ हुई मुठभेड़ में पांच इनामी नक्‍सली मार गिराए गए हैं। यह सब कुछ पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन के कुशल नेतृत्व में संभव हुआ है।

By Julqar NayanEdited By: Arijita SenPublished: Tue, 04 Apr 2023 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 04 Apr 2023 12:14 PM (IST)
चतरा के 'सिंघम' एसपी राकेश रंजन: अपराध का डटकर कर रहे हैं मुकाबला, नक्‍सलियों की तोड़ रहे कमर
भाकपा माओवादी के पांच कुख्यात नक्सलियों को उतारा गया मौत के घाट

संवाद सहयोगी, चतरा। पिछले डेढ़ वर्ष का समय चतरा पुलिस के लिए उपलब्धियों से भरा रहा है। इस दौरान जिले की पुलिस ने अफीम की खेती तथा अपराध व उग्रवाद के उन्मूलन को लेकर कई सफल अभियान चलाया है। ड्रग्स तस्करों तथा उग्रवादियों की तो चतरा पुलिस ने एक तरह से कमर ही तोड़ कर रख दी है। इसका श्रेय जिले के जांबाज पुलिस व सीआरपीएफ जवानों के साथ पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन के कुशल नेतृत्व को भी जाता है।

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अपराध के खिलाफ डटकर खड़े एसपी रंजन

दरअसल, चतरा जिला में 8 अगस्त 2021 को योगदान देने के बाद से ही पुलिस अधीक्षक ने अफीम की खेती तथा उग्रवाद के उन्मूलन को लेकर अभियान चलाना शुरू कर दिया था। जिले के विभिन्न प्रखंडों में व्यापक पैमाने पर हो रही अफीम की खेती तथा अफीम से बनाए जा रहे ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए सर्वप्रथम चिन्हित इलाकों में अपने सूचना तंत्र का जाल फैलाया।

अफीम के खिलाफ भी चला रहे अभियान

सूचना दाताओं ने भी अफीम के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में पुलिस अधीक्षक का भरपूर साथ दिया। इसके बदौलत पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गैर कानूनी तरीके से अफीम की खेती के विरुद्ध ताबड़तोड़ अभियान चलाया गया। हजारों एकड़ में लहलहाती अफीम की खेती को पुलिस ने बेखौफ होकर नष्ट भी किया।

उग्रवादियों पर भारी पड़े एसपी रंजन

इस दौरान अफीम तथा ब्राउन शुगर की तस्करी करने वाले दर्जनों तस्कर भी सलाखों के पीछे डाल दिए गए। अफीम की खेती के विरुद्ध अभियान चलाने के साथ साथ चतरा पुलिस ने पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में उग्रवाद के विरुद्ध भी अभियान चलाया। जिसमें पुलिस ने कई सफलताएं भी अर्जित की। सोमवार को लावालौंग थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान भाकपा माओवादी के पांच कुख्यात नक्सलियों को मौत के घाट उतारने में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व की भूमिका अहम रहीं हैं। यह झारखंड के इतिहास में पहली बार है, जब पांच इनामी नक्‍सली मार गिराए गए हैं। 


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