Smart Meter: झारखंड में स्मार्ट मीटर बना जी का जंजाल, गड़बड़ बिलिंग ने बढ़ाई लोगों की टेंशन
चतरा में बिजली के स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। बिल इतना ज्यादा आ रहा है कि लोगों के होश उड़ गए हैं। सामान्य मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर से तीन-चार गुना अधिक बिल आ रहा है जिससे उपभोक्ता झारखंड बिजली वितरण निगम के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं फिर भी उनकी परेशानी दूर नहीं हो रही है।

जागरण संवाददाता, चतरा। बिजली का स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए जी का जंजाल बन गया। बिलिंग से होश उड़ गए हैं। एक महीने का किसी का आठ हजार, तो किसी दस और बारह हजार रुपये का बिल आया है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि जिन उपभोक्ताओं की साधारण मीटर की रीडिंग डेढ़ से पौने दो सौ आती थी। स्मार्ट मीटर में उनकी रीडिंग पांच से छह सौ आ रही है।
साधारण मीटर में कम बिलिंग हो रही और स्मार्ट मीटर में तीन से चार गुना अधिक का बिल आ रहा है। उपभोक्ता बिल लेकर झारखंड बिजली वितरण निगम के स्थानीय कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। उनका सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं में आक्रोश पनप रहा है।
स्मार्ट मीटर लगाने को तैयार नहीं उपभोक्ता
अनाप-शनाप बिलिंग को देखते हुए शेष बचे हुए उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगाने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि झारखंड बिजली वितरण निगम स्मार्ट मीटर के माध्यम से एक प्रकार से उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण कर रहा है।
राज्य सरकार ने दो सौ यूनिट का बिजली बिल माफ करने की घोषणा की है। जिनके यहां एसी एवं इंडक्शन चूल्हा का प्रयोग हो रहा है, उनके यहां दो सौ से अधिक यूनिट का खपत है। लेकिन जिनके यहां एसी और इंडक्शन चूल्हा का प्रयोग नहीं हो रहा है, उनके घरों में आठ सौ से नौ सौ यूनिट का बिल आया है।
जबकि साधारण मीटर में उनके यहां सौ से डेढ़ सौ के बीच यूनिट का खपत है। स्थानीय लाइन मोहल्ला निवासी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जब से स्मार्ट मीटर लगा है, बिलिंग को लेकर काफी तनाव में हैं।
पिछले दो बार से उनके यहां एक महीने का बिल सात से आठ हजार रुपये का आ रहा है। जबकि साधारण मीटर में डेढ़ हजार रुपये तक की ही बिलिंग होती थी।
इसी प्रकार स्थानीय वादी-ए-इरफां मोहल्ला निवासी मो. अली कहते हैं कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद मार्च महीने में पहला बिल आया। बिल देखकर होश उड़ गए। 31 हजार से अधिक की बिलिंग थी। शिकायत के लिए निगम ऑफिस पहुंचे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। इस प्रकार के दर्जनों मामले सामने आए हैं।
चालीस प्रतिशत कर रहे पुराने मीटर का प्रयोग
शहर में करीब दस हजार बिजली के उपभोक्ता हैं। जिसमें करीब 5900 उपभोक्ताओं ने अब तक स्मार्ट मीटर लगाया है। बिलिंग को देखते शेष उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगाने से इंकार कर रहे हैं।
उनका कहना है कि स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं के साथ आर्थिक शोषण किया जा रहा है। कार्यपालक अभियंता कहते हैं कि स्मार्ट मीटर सभी उपभोक्ताओं को लगाना होगा। यह अनिवार्य है। सरकार का निर्णय है, तो उस पर अगर-मगर का सवाल नहीं उठता है। शहर ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्ट अनिवार्य है।
स्मार्ट मीटर में अधिक बिलिंग का प्रश्न ही नहीं है। चूंकि रीडिंग उठाने के लिए कोई कर्मी नहीं जाते हैं। बल्कि ऑटोमेटिक जनरेट होता है। इसलिए अनाप-शनाप बिलिंग की संभावना नहीं है। पहले का बकाया रहने की परिस्थितियों में अधिक बिलिंग हुई होगी। - राकेश सिंह, कार्यपालक अभियंता, बिजली वितरण निगम, चतरा।
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